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DCW चीफ स्वाति मालिवाल से छेड़खानी के आरोपी को सशर्त जमानत, कोर्ट ने क्या कहा?

दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालिवाल के साथ छेड़खानी के मामले में आरोपी को कोर्ट ने 50 हजार के मुचलके पर सशर्त जमानत दे दी है. दिल्ली की कोर्ट ने छेड़खानी के आरोपी को जमानत देते हुए कहा कि उसे जेल में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है. आरोपी को समय से पहले ट्रायल में भेज देना उचित नहीं होगा.

स्वाति मालीवाल (फाइल फोटो) स्वाति मालीवाल (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 9:11 AM IST

दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालिवाल के साथ छेड़खानी के मामले में आरोपी हरीश चंदर को कोर्ट ने 50 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी है. कोर्ट ने आरोपी को जमानत देते हुए कहा कि मौजूदा समय में प्रीमैच्योर ट्रायल चलाना उचित नहीं होगा. कोर्ट ने स्वाति मालिवाल से छेड़खानी के आरोपी हरीश चंदर को सशर्त जमानत दे दी है.

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आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट संघमित्रा ने कहा कि आरोपी को जेल की सलाखों के पीछे रखने से कोई उपयोगी उद्देश्य नहीं पूरा होगा. उन्होंने आरोपी को 50 हजार रुपये के मुचलके और इतनी ही जमानत राशि पर जमानत दे दी. कोर्ट ने जमानत देते हुए कई और शर्तें भी रखी हैं जिनका पालन आरोपी को करना होगा.

जमानत की अन्य शर्तों में ये भी है कि आरोपी इस तरह का अपराध न करे और सबूतों से किसी तरह की छेड़छाड़ भी ना करे. जब भी जरूरत हो आरोपी जांच में शामिल होगा, अपना फोन नंबर और पता उपलब्ध कराएगा और शिकायतकर्ता, उसके परिवार के सदस्यों और गवाहों से सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क नहीं करेगा या धमकी नहीं देगा.

कोर्ट ने ये भी कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और इस स्टेज पर जमानत याचिका पर निर्णय लेना प्रासंगिक है. कोर्ट ने कहा कि आपराधिक कानून का ये मूल सिद्धांत है कि आरोपी को तब तक निर्दोष माना जाता है जब तक कि वह दोषी साबित नहीं हो जाता और कोर्ट के लिए इस स्तर पर जमानत को लेकर फैसला लेते ये अस्वीकार्य होगा कि आरोपी को समय से पहले ट्रायल में भेज दिया जाए.

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पुलिस ने कोर्ट को बताया कि चंदर के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 341, 354 और 509 के साथ ही मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 के तहत केस दर्ज किया गया था. कोर्ट ने कहा कि आईपीसी की धारा 354 को छोड़कर सभी जमानती हैं और सभी अपराध में सात साल से कम की सजा का प्रावधान है. कोर्ट ने कहा कि बहस के दौरान जांच कर रहे अधिकारी से ये पूछा गया है कि आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत तो नहीं है. इसके जवाब में जांच अधिकारी ने ना कहा है.

कोर्ट ने ये भी कहा कि आरोपी पर पहले से इस तरह के किसी अपराध में शामिल होने का कोई आरोप नहीं है. कोर्ट ने आरोपी को सशर्त जमानत दे दी. गौरतलब है कि दिल्ली एम्स के गेट नंबर दो के करीब पिछले बुधवार को स्वाति मालिवाल के साथ छेड़खानी की घटना हुई थी. स्वाति मालिवाल दिल्ली की सड़कों पर रियलिटी चेक के लिए देर रात निकली थीं.

आरोप है कि हरीश चंदर ने स्वाति मालिवाल को अपनी कार में बैठने के लिए कहा. जब दिल्ली महिला आयोग की चीफ ने उसे फटकार लगाई और पकड़ने की कोशिश की तो उसने कार का शीशा बंद कर गाड़ी आगे बढ़ा दी. स्वाति मालिवाल का हाथ शीशे में फंसा रह गया और वह करीब 15 मीटर तक कार के साथ घिसटती चली गईं. स्वाति मालिवाल ने इस घटना का वीडियो भी शेयर किया था. इस मामले में कोटला मुबारकपुर थाने में केस दर्ज किया गया था.

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