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गर्भ-निरोधक गोलियों से स्ट्रोक के खतरे में वृद्धि हुई है. इन गोलियों से रक्त का थक्का बन जाता है, जिससे दिमाग की रक्त वाहिनियों में अवरोध आ जाता है, यह बात एक नए अध्ययन में सामने आई है.
गुड़गांव के आर्टिमिस अस्पताल के स्ट्रोक यूनिट के सह-निदेशक और न्यूरोइंटरवेंशन सर्जरी के अतिरिक्त निदेशक विपुल गुप्ता ने बताया, 'जो महिलाएं गर्भ-निरोधक गोलियां लेती हैं, उनमें स्ट्रोक होने का खतरा ज्यादा होता है'.
गर्भनिरोधक: इमरजेंसी में ही करें इस्तेमाल
सर गंगा राम अस्पताल के न्यूरो प्रमुख और स्पाइन सर्जन संतराम सिह छाबड़ा ने कहा, 'यह खतरा महिला के गर्भधारण करने के दौरान और बढ़ जाता है, ज्यादा रक्तचाप बढ़ने से यह दिल पर दबाव डालता है. माइग्रेन भी महिलाओं में तिगुने से ज्यादा स्ट्रोक को बढ़ा सकता है'.
गर्भनिरोधक गोलियों को लेकर कही आपको भी तो नहीं हैं ये भ्रम
क्या है स्ट्रोक
स्ट्रोक एक गंभीर चिकित्सकीय आपात स्थिति है, जिससे अकाल मृत्यु और विकलांगता हो रही है. यह दिमाग में खून के प्रवाह के एक क्षेत्र में बंद होने से होता है, इसमें मस्तिष्क की कोशिकाओं को ऑक्सीजन नहीं मिलती और वह मरने लगती हैं. गुप्ता बताते हैं, 'स्ट्रोक तब होता है, जब दिमाग के एक हिस्से में रक्त की आपूर्ति बंद हो जाती है. इससे दिमाग की इस इलाके की कोशिकाएं मरना शुरू हो जाती हैं. ऐसा उन्हें ऑक्सीजन और कार्य के लिए दूसरे जरूरी पोषक पदार्थ नहीं मिलने से होता है'.