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पुरुषों की तुलना में औरतों के लिए ज्यादा खतरनाक है नाइट शिफ्ट

नींद हमारी बायोलॉजिकल साइकल का एक अहम हिस्सा है और इसकी अनियमितता से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. अनियमित नींद और अधूरी नींद के कई कारण हो सकते हैं और नाइट शिफ्ट उन्हीं में से एक है.

औरतों के लिए ज्यादा खतरनाक है नाइट शि‍फ्ट करना औरतों के लिए ज्यादा खतरनाक है नाइट शि‍फ्ट करना
भूमिका राय/IANS
  • नई दिल्ली,
  • 19 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 7:08 PM IST

नींद हमारी बायोलॉजिकल साइकल का एक अहम हिस्सा है और इसकी अनियमितता से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. अनियमित नींद और अधूरी नींद के कई कारण हो सकते हैं और नाइट शिफ्ट उन्हीं में से एक है. आज के समय में जबकि नाइट शि‍फ्ट एक सामान्य बात हो चुकी है, आपको ये जानकर चिंता हो सकती है कि नाइट शिफ्ट का बुरा असर हमारी सेहत पर पड़ता है.

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पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए ये ज्यादा नुकसानदेह है. नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं के मस्त‍िष्क पर पुरुषों की तुलना में कहीं ज्यादा बुरा असर पड़ता है.

एक नए शोध के अनुसार, पुरुषों की तुलना में महिलाओं के मस्तिष्क के प्रदर्शन पर सर्काडियन प्रभाव (24 घंटों का जैविक चक्र) इतना ज्यादा होता है कि नाइट शिफ्ट पूरी होने के बाद महिलाएं बहुत ज्यादा कमजोर महसूस करने लगती हैं.

सरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं में से एक नयनतारा सांथी के अनुसार, सर्काडियन क्लॉक को चुनौती देने से पुरुषों और महिलाओं के व्यवहार पर अलग-अलग असर पड़ता है.

नींद की कमी की वजह से ध्यान लगाने में परेशानी होती है. गाड़ी को कंट्रोल करने में दिक्कत होती है और मानसिक तनाव मिलता है. इस शोध के तहत शोधकर्ताओं की टीम ने 16 पुरुष व 18 महिला प्रतिभागियों के दिमागी क्रियाशीलता की तुलना की.

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यह शोध प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज जर्नल में प्रकाशित हुआ है.

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