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आठ घंटे से कम सोने वाले होते हैं भुलक्कड़

जो लोग कम नींद लेते हैं वे चीजों को लंबे समय तक याद नहीं रख पाते हैं. इसके साथ ही उन्हें कुछ भी सीखने और समझने में वक्त लगता है.

कम नींद छीन सकती है आपकी याददाश्त कम नींद छीन सकती है आपकी याददाश्त
भूमिका राय/IANS
  • नई दिल्ली,
  • 26 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 11:51 AM IST

कई अध्ययनों में ये बात कही जा चुकी है कि स्वस्थ रहने के लिए एक शख्स को कम से कम सात से आठ घंटे की नींद लेनी चाहिए. जो लोग इससे कम सोते हैं उन्हें कई तरह की बीमारियां होने की आशंका होती है. जो लोग पांच घंटे से कम सोते हैं उनकी याददाश्त कमजोर हो जाती है.

एक हालिया अध्ययन के अनुसार, जो लोग कम नींद लेते हैं वे चीजों को लंबे समय तक याद नहीं रख पाते हैं. इसके साथ ही उन्हें कुछ भी सीखने और समझने में वक्त लगता है. ये अध्ययन दिमाग के एक हिस्से हिप्पोकैम्पस में तंत्रिका कोशिकाओं की क्रियाशीलता पर आधारित है. दिमाग के इस हिस्से का संबंध सीखने और याददाश्त के साथ है.

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ग्रोनिनजेन इंस्टीट्यूट फॉर इवॉल्यूशनरी लाइफ साइंसेज के असिस्टेंट प्रोफेसर रॉबर्ट हैवेक्स के अनुसार, याददाश्त बरकरार रखने के लिए अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है. अच्छी नींद ही नहीं झपकी लेना भी बहुत फायदेमंद है. झपकी लेने से पुरानी यादें री-स्टोर होती हैं. कम नींद लेने से हिप्पोकैम्पस में तंत्रिका कोशिकाओं पर निगेटिव असर होता है.

इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने चूहों के दिमाग पर कई जरूरी परीक्षण किए हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि कम नींद लेने से तंत्रिकाओं पर निगेटिव असर पड़ता है, जिससे याददाश्त कमजोर होती है. इसके अलावा नींद पूरी नहीं होने से दूसरी कई बीमारियों के होने की आशंका भी बढ़ जाती है.

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