
डायबिटीज पूरी दुनिया के लिए एक चुनौती बनती जा रही है. पिछले 30 सालों में विश्वभर में डायबिटीज के मरीज दुगने हो गए हैं और जिस तेजी से ये बीमारी फैल रही है आशंका है कि 2035 में डायबिटीज के मरीजों की संख्या 60 करोड़ तक पहुंच जाएगी. इसी बढ़ते खतरे को देखते हुए WHO ने 7 अप्रैल विश्व स्वास्थ्य दिवस को डायबिटीज दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की.
भारत में तेजी से डायबिटीज फैला रहा है पांव
विश्व में सबसे ज्यादा डायबिटीज मरीजों की संख्या चीन में है इसके बाद दूसरे नंबर पर भारत है. लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो जिस तेजी से डायबिटीज के मरीज भारत बढ़ रहे हैं, अगले 4 से 5 सालों में भारत चीन को पीछे छोड़ देगा. आंकड़ें बताते हैं कि भारत में इस समय डायबिटीज के मरीजों की संख्या 6 करोड़ से ज्यादा है. यही नहीं, डायबिटीज की वजह से हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोंक, अंधापन, किडनी फेल के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं.
बच्चे भी डायबिटीज के शिकार
भारत में बच्चों में डायबिटीज का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है. इसके पीछे बड़ी वजह मोटापा, जंक फूड का बढ़ता क्रेज है. साथ ही कम उम्र में सिगरेट, शराब का सेवन बच्चों को डायबिटीज का शिकार बना रहा है. इन सबके बीच सरकार का दावा है कि वो इस बीमारी से बचाव और जागरुकता पर पूरा जोर लगा रही है.
सरकार को जागने की जरूरत
गौरतलब है कि सरकार की ओर से साल 2013 से अब तक नेशनल स्क्रीनिंग ऑफ नन कम्यूनिकेबल डिजीज में डायबिटीज के मरीजों को शामिल किया. इस दौरान 5.9 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग की गई और इनमें से 6.5 फीसदी को डायबिटीज थी. इसमें ग्रामीण इलाकों के लोगों में 3.5 फीसदी और शहरी लोगों में 5.9 फीसदी डायबिटीज पाई गई. सबसे ज्यादा चेन्नई, अहमदाबाद, मुंबई और सिक्किम में 9 फीसदी लोग इसके शिकार थे.