
मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना और सोशल मीडिया पर घंटों चैट करना आजकल के युवाओं का पसंदीदा काम होता जा रहा है. इसी बीच इन्हीं नेटवर्किंग साइट पर बनने वाले रिश्तों की भी फेहरिस्त भी बढ़ती जा रही है. सेल्फी का क्रेज और फोटो शेयरिंग जैसी चीजें आजकल आम होती हैं लेकिन हाल में हुए एक सर्वे में चौंकाने वाली बात सामने आई है.
युवाओं पर हुए इस शोध का मानना है कि 12 साल से ऊपर के टीनएजर्स के बीच में नेकैड सेल्फी लेना और उसे शेयर करना एक आम बात होती जा रही है.
ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि ये सेल्फी शेयरिंग वो किसी विश्वासपात्र के साथ करते हैं.
लेकिन कई बार ऐसे मामले भी देखने को मिलते जहां पर लोग अजनबियों के झांसे में आकर भी ऐसा कर बैठते हैं और फिर धमकी या ब्लैकमेलिंग जैसी चीजों का सामना भी करना पड़ता है.
फन के नाम पर करते हैं ऐसा...
Self Produced Images-Risk Taking Online नाम की इस स्टडी का मानना है कि ऐसे मामलों में कई बार पुलिस, पैरेंट्स और स्कूल के लोग ये पता ही नहीं लगा पाते कि ये शोषण है या फिर नॉर्मल बात.
यूनिवर्सिटी ऑफ इडेनबर्ग के एक शोधकर्ता का कहना है कि कई बार युवाओं को ऑनलाइन फोटो अपलोड करने के बाद कई तरह की धमकियों से भी गुजरना पड़ता है जबकि उन फोटोज में ऐसा कुछ भी नहीं होता जिसे गलत ठहराया जा सके.
वहीं युवा बच्चे ऐसा सोचता है कि फोटो फन जैसी चीजें बहुत नॉर्मल हैं और अगर वो ऐसा नहीं करेंगे तो वे अपने सर्कल में पिछड़ जाएंगे.
क्या है इस क्रेज की वजह...
इस स्टडी के मुताबिक 73 प्रतिशत लोग फोटो शेयरिंग करते हैं और ऐसा कई बार पार्टनर के या फिर किसी अजनबी के फोटो मांगने पर होता है. कुछ मानते हैं कि इस तरह की फोटो पार्टनर वो इसलिए भेजते हैं ताकि उनका रिश्ता और मजबूत बन सके. वहीं दूसरी ओर कई लोग पार्टनर की जिद की वजह से भी ऐसा करने को मजबूर हो जाते हैं.
इस सबके बीच 59 प्रतिशत इसे फन के तौर पर देखते हैं तो वहीं 59 प्रतिशत लोगों इसे रोमांस करने का एक तरीका मानते हैं. 49 प्रतिशत लोग अपने पार्टनर का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए ऐसा करते हैं.
इस स्टडी का मानना है कि पैरेंटस को बच्चों की सोशल लाइफ पर नजर रखनी खहिए और बजाय उन्हें डांटने के उन्हें ऐसी चीजों के नुकसान के बारे में उन्हें समझाना चाहिए.