
स्मिता टांडी छत्तीसगढ़ पुलिस में कांस्टेबल हैं. स्मिता के इस समय फेसबुक पर 7,29,094 फॉलोअर्स हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि स्मिता ने सिर्फ डेढ़ साल पहले ही अपना फेसबुक अकाउंट शुरू किया है.
स्मिता देखने में बिल्कुल साधारण हैं. न कोई दिखावा ना ही लाग-लपेट भरी बातें. बस उनका हुनर ये है कि वे जरूरतमंदों की मदद के लिए काम करती हैं.
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स्मिता बताती हैं कि उन्होंने साल 2011 जनवरी में पुलिस में नौकरी शुरू की थी. इसके दो साल बाद 2013 में वे प्रशिक्षण ले रही थीं कि तभी उनके पिता शिव कुमार टांडी की तबीयत काफी खराब हो गई. रुंधे हुए गले से स्मिता कहती हैं कि उनके पास अपने पिता का इलाज कराने के लिए पैसे नहीं थे. नतीजतन अच्छा इलाज ना मिल पाने से उनके पिता की मौत हो गई.
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उस घटना के बाद से स्मिता ने ठाना कि वे जरूरतमंदों की मदद के लिए हर संभव प्रयास करेंगी. फिर 2014 में उन्होंने अपने दोस्तों के साथ एक ग्रुप बनाया और जब भी उन्हें ऐसे किसी व्यक्ति के बारे में पता चलता वे मदद करने जा पहुंचती.
इसके बाद स्मिता फेसबुक पर आईं और यहां उन्हें उम्मीद से ज्यादा रिसपांस मिला. वे लोगों की तस्वीरें और उनकी मदद के लिए फेसबुक वॉल पर लिखती थीं. धीरे-धीरे लोगों ने उनकी बात सुनी और ऐसे लोगों को मदद मिलने लगी.
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यही नहीं, जब छत्तीसगढ़ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को स्मिता के इस काम का पता चला तो उन्होंने स्मिता को सोशल मीडिया कंप्लेंट सेल में पोस्ट करा दिया. बता दें कि स्मिता अब तक 25 से ज्यादा गरीब लोगों को ईलाज कराने में मदद करवा चुकी हैं.
आप स्मिता की वॉल www.facebook.com/SmitaTandiCG पर जाकर देख सकते हैं.