Advertisement

'डाबर घराने' की 16 साल की दीया ने लॉन्च किया सफाई से जुड़ा startup

बचे साबुन के टुकड़ों का आप क्या करते हैं? आप यही कहेंगे कि बेकार चीज है तो फेंक देते हैं. लेकिन 16 साल की एक लड़की ने ऐसे बेकार समझे जाने वाले साबुन को लेकर स्टार्टअप शुरू किया है. जरूर जानें इसके बारे में...

मुफ्त दिए जा रहे हैं स्टार्टअप के तहत ये साबुन मुफ्त दिए जा रहे हैं स्टार्टअप के तहत ये साबुन
वन्‍दना यादव
  • नई दिल्‍ली,
  • 12 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 8:28 AM IST

आज के समय में जहां स्कूल जाने वाले ज्यादातर बच्चे सेल्फी और नए ब्रांड्स के चक्कर में बिजी हैं, वहीं दीया बरमन ने एक मिसाल पेश की है.

दीया ने महज 16 साल की उम्र में अपना स्टार्टअप शुरू किया है. उनकी यह उपलब्ध‍ि इसलिए खास हो जाती है क्योंकि उनके नाम के साथ डाबर इंडिया का नाम जुड़ा है. बता दें कि दीया डाबर ग्रुप के वाइस चेयरमैन अमित बरमन की बेटी हैं. उन्होंने अपने पापा के नक्शेकदम पर चलते हुए इस बिजनेस को स्टार्ट किया है.

Advertisement

क्या आपमें भी है दीपिका वाली बात...

हाइजीन से जुड़ा है स्टार्टअप
बरमन परिवार की 16 साल की इस होनहार बेटी ने FMCG के अंदर वाले अपने स्टार्टअप को RogFree नाम दिया है. इस स्टार्टअप का मकसद रूरल इंडिया के ऐसे लोगों के स्वास्थ्य और हाइजीन में सुधार लाने का है खासकर गरीब बच्चों के लिए.

'पराठा बनाना नहीं आएगा तो कोई तुमसे शादी नहीं करेगा'

बचे साबुन इस्तेमाल में लाने की गजब तरीका...
दीया ने अपने काम की शुरुआत में दिल्ली के सभी मेजर हॉस्पिटलिटी चेन्स जैसे ओबरॉय, जेडब्ल्यू मेरियट, रेडिसन ब्लू  आदि से इस्तेमाल में लाने के बाद बचे हुए साबुन जमा करना शुरू किया. इसके बाद इन साबुनों को एक ऐसी यूनिट में भेजा गया जहां इन्हें गर्म करके दोबारा पिघलाया गया और फिर इन्हें फ्रेश सोप का रूप देकर RogFree ब्रांड का नाम दिया गया. RogFree के साबुनों को गांव के बच्चों और लोगों में मुफ्त बंटवाया जा रहा है.

Advertisement

वो 16 महिलाएं जो जीत चुकी हैं Nobel Peace Prize...

कहां से आया अाइडिया
दीया का कहना है कि उनके दिमाग में ये आइडिया तब आया जब वह एक होटल में हाथ धो रही थीं. उसी समय हाउसकीपिंग स्टाफ ने वो सारे साबुन वहां से हटा दिए जबकि ये सिर्फ एक ही बार यूज हुए थे. तभी उनको लगा कि ऐसे कितने ही लोग हैं जिन्हें ये बेसिक चीजें नहीं मिलतीं और इस वजह से वो लोग बीमारियों का शिकार होते हैं. बस यहीं से उन्होंने बेकार समझ लिए जाने वाले साबुनों को नए तरीके से इस्तेमाल में लाने की प्लानिंग कर ली.

दिल्ली में इस काम की शुरुआत करने के बाद दीया RogFree को मुंबई भी ले जाना चाहती हैं. वाकई दीया की सोच और उनका काम काबिले तारीफ है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement