
प्रियंका चोपड़ा आज किसी नाम की मोहताज नहीं है, देश से लेकर विदेश तक में उनके नाम के चर्चे हैं और समय-समय पर वह महिलाओं के सशक्तीकरण के मुद्दों पर भी खुलकर चर्चा करती हैं. देश का गौरव बढ़ाने वाली इस बेटी का कहना है कि अगर आप कुछ ठान लेते हो तो कोई आपको नहीं रोक सकता.
इंटरनेशनल सेलिब्रिटी प्रियंका चोपड़ा के एचिवमेंट्स में हाल ही में ग्लोबल सिटीजन फेस्टिवल को होस्ट करना भी जुड़ गया है. ह्यूज जैकमैन, सलमा हायेक पिनॉल्ट, नील पेट्रिक्स हैरिस और दूसरे कलाकारों के साथ मंच साझा करते हुए दिखेंगी. हाल में टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत के दौरान प्रियंका ने कई गंभीर विषयों पर अपनी बात रखी जिसे हर लड़की को जरूर पढ़ना चाहिए.
खुद के लिए गोल सेट करना है जरूरी
प्रियंका ने कहा कि वह अपने गोल खुद बनाती हैं और उसके लिए वह किसी दूसरे से नहीं बल्कि खुद से कंपीट करती हैं. मैंने अपने करियर और लाइफ में बहुत सारे गोल्स मेहनत के बल पर अचीव किए हैं जो दुनिया के सामने हैं. प्रियंका का कहना है कि कोई आपको ये नहीं बता सकता कि आपको अपनी लाइफ में क्या करना है इसलिए अपनी राह खुद बनाओ और उसमें आगे बढ़ने का लक्ष्य बनाएं रखना आपका काम है.
जब प्रियंका की दादी ने कहा कि तुमसे कोई शादी नहीं करेगा
प्रियंका कहती हैं कि आज 2016 में भी महिलाओं की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. उन्हें आज भी सेकेंड सिटीजन की तरह देखा और ट्रीट किया जाता है. अगर कोई महिला कुछ अचीव करती है तो उसे आश्चर्यजनक तरीके से देखा जाता है. इस तरह का भेदभाव खास तौर पर अपने ही देश में देखने को मिलता है.
प्रियंका आगे कहती हैं कि लोग अपनी ही बेटियों के साथ इस तरह के भेदभाव को बढ़ावा देते हैं और मुझे इस बात से बहुत दुख पहुंचता है. प्रियंका बताती हैं कि उनके घर में उनके पिता ने हमेशा उन्हें उनकी मर्जी से करियर और पढ़ाई करने का हक दिया. इस बात को लेकर प्रियंका एक वाकया बताती हैं कि कैसे उनकी दादी उन्हें बोलती थीं कि अगर तुम्हें पराठा बनाना नहीं आएगा तो कोई तुमसे शादी नहीं करेगा लेकिन उनके पिता ने उनकी दादी को जवाब देते हुए कहा था कि ये खाना नहीं बनाएगी क्योंकि इसे बहुत आगे जाना है और अगर ऐसा कुछ हुआ तो मैं उसके लिए कुक भेज दूंगा.
प्रियंका कहती हैं कि मैं चाहती हूं कि लोग अपनी बेटियों को बोझ नहीं अपना गर्व समझें. हमें महिलाओं को मौका देना चाहिए ताकी वो अपने पैरों पर खड़ी हो सकें और दुनिया को बदलने की हिम्मत दिखाएं.