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'मेरी मां सेक्स वर्कर है और मेरे लिए भगवान है...मुझे उस पर गर्व है'

मां के सेक्स वर्कर होने को ये लड़की नहीं मानती शर्म की बात. कहती है, मां पर है गर्व, दूसरे पेशे की तरह ये भी है पैसे कमाने का जरिया... जानिये, क्या है पूरी कहानी...

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क्या आपने कभी भगवान को देखा है? ये सवाल है 23 वर्षीय तंजिला खातून का. डान्स ड्रामा की रिहर्सल से पहले तंजिला दोबारा ये सवाल करती है. फिर साथ ही उसका जवाब देती है- 'इस धरती पर लाखों बेटियों की तरह मेरी मां भी मेरे लिए भगवान है. लेकिन अपनी मां का सम्मान सिर्फ मैं ही करती हूं. बाकी दुनिया से उसे गालियां खानी पड़ती हैं, क्योंकि वो सेक्स वर्कर है.'

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तंजिला डान्स ड्रामा की रिहर्सल से पहले अपने पैर की पायल को चेक करती है. कहीं रिहर्सल करते वक्त खुल ना जाए. पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले की रहने वाली तंजिला को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी, क्योंकि स्कूल में ये पता चल गया था कि उसकी मां सेक्स वर्कर है.

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किसी ने स्कूल में ये बता दिया था कि वो पूरबा पश्चिम पारा इलाके की रहने वाली हैं, जो कि जिले का बदनाम रेड लाइट एरिया है. इसके बाद स्कूल में उसका मजाक उड़ना शुरू हो गया. ऐसे ऐसे सवाल किए जाने लगे कि एक रात के लिए क्या रेट है. लगातार अपशब्द सुनने और अपमान सहने से तंग आ कर तंजिला ने प्रिंसिपल से शिकायत की.

प्रिंसिपल ने तंजिला का साथ देने की जगह उसे स्कूल से निकल जाने का फरमान सुना डाला. प्रिंसिपल ने तंजिला से कहा कि वो समाज की स्याह गलियों से नाता रखती है, इसलिए स्कूल में उसका रहना दूसरे छात्रों के भविष्य पर असर डालेगा और स्कूल का नाम भी खराब होगा.

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पढ़ाई में अच्छी होने के बावजूद तंजिला का स्कूल में वो आखिरी दिन साबित हुआ. उस वक्त छठी क्लास में पढ़ रही तंजिला ने फैसला किया कि वो इस स्कूल का कभी दोबारा मुंह नहीं देखेगी. लेकिन ये वो दिन भी था, जब तंजिला ने अपनी मां, उसके पेशे और वजूद पर गर्व करना शुरू कर दिया.

तंजिला का कहना है, 'मैंने अपने पिता को नहीं देखा और अब मुझे पिता के नाम की भी जरूरत नहीं है. मेरी मां का नाम रादिया है और मैं उस पर गर्व करने वाली बेटी हूं.'

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रादिया अब उम्र के पचासवें पड़ाव के नजदीक है. रादिया ने दो दशक से भी ज्यादा बासिरहाट में सेक्स वर्कर के तौर पर गुजार दिए. वो अपने चार बच्चों का गुजारा करने के लिए एक छोटी दुकान भी चलाती है.

तंजिला की तरह रादिया भी अपनी बेटी के लिए ऐसी ही भावनाएं रखती हैं. रादिया ने कहा, 'तंजिला' का अरबी में मतलब होता है 'तीर जैसी नजर की झलक'. तंजिला पहले से ही मजबूत लड़की थी, लेकिन पक्के इरादे और उसकी प्रतिभा से उसमें और आत्मविश्वास आ गया है. मुझे उस पर बहुत गर्व है.'

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तंजिला कहती है, 'मेरी मां इस पेशे में दो दशक से भी ज्यादा समय से है. मां के इसी पेशे की वजह से हमें पूरी रात घर से बाहर रहने के लिए कहा जाता था. जैसे कि हम जीविका कमाने के लिए अपने हाथ, दिमाग और अन्य प्रतिभाओं का इस्तेमाल करते हैं, वैसे ही वो (मां) भी करती थी. मैं इसके लिए बिल्कुल शर्मिंदा नहीं हूं. मैं उसका सम्मान करती हूं और उसके पेशे का भी.'

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तंजिला इस वक्त आमरा पदातिक की सेंट्रल कमेटी की अध्यक्ष है. साथ ही वो कोमल गंधार में सीनियर डांसर हैं. आमरा पदातिक और कोमल गंधार, दोनों ही दरबार महिला समन्वय समिति के अहम अंग हैं.

दरबार महिला समन्वय समिति सेक्स वर्कर्स के कल्याण के लिए काम करती है. इस समिति का नेतृत्व समराजीत जना के पास है जो खुद भी डॉन्स ड्रामा में एक्सपर्ट हैं. तंजिला की आंखों से झलकने वाला आत्मविश्वास ही बताता है कि वो अपनी मां और दरबार महिला समन्वय समिति का कितना एहसान मानती हैं.

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दरबार ने उसे सिखाया कि अपनी आंखों से कैसे खुद को मान-सम्मान से देखा जाता है. दुनिया में और लोग क्या नजरिया रखते हैं ये मायने नहीं रखता. डॉन्स ड्रामा के लिए रिहर्सल के दौरान जब तंजिला मजबूती के साथ जमीन पर पैर की थाप देती है, साथ ही कहती है- 'मैं सेक्स वर्कर की बेटी होने पर सम्मानित महसूस करती हूं...और वो मेरे लिए भगवान है...."

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