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बच्चों के गले में मौजूद जीवाणु बन सकता है जोड़ों में संक्रमण का कारण

वैज्ञानिकों का कहना है कि बच्चों के गले में किसी खास बैक्टीरिया की मौजूदगी हड्डी और जोड़ों के संक्रमण का संकेत दे सकती है. इस बैक्टीरिया के कारण बच्चों के चलने-फिरने पर तो बुरा प्रभाव पड़ ही सकता है, साथ ही साथ मौत का खतरा भी हो सकता है.

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वंदना भारती
  • टोरंटो ,
  • 06 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 9:32 AM IST

वैज्ञानिकों का कहना है कि बच्चों के गले में किसी खास बैक्टीरिया की मौजूदगी हड्डी और जोड़ों के संक्रमण का संकेत दे सकती है. इस बैक्टीरिया के कारण बच्चों के चलने-फिरने पर तो बुरा प्रभाव पड़ ही सकता है, साथ ही साथ मौत का खतरा भी हो सकता है.

एक नए अध्ययन में अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि बच्चों के गले में पाए जाने वाला बैक्टीरिया 'किंगेला किंगे' हड्डियों एवं जोड़ों में होने वाले संक्रमण से जुड़ा है.

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इससे पहले माना जाता था कि अधिकतर संक्रमण स्टेफेलोकोकस, स्ट्रेप्टोकोकस और हेमोफीलस इंफ्लूएंजा टाइप बी बैक्टीरिया की वजह से होता है. तब इनका इलाज लंबे समय तक एंटीबायोटिक चलाकर या  सर्जरी से किया जाता था.

पिछले कुछ साल में बेहद संवेदनशील तकनीकों के कारण इन संक्रमणों के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया की सटीक पहचान संभव हो सकी.

शोधकर्ताओं ने छह माह से चार साल तक के 77 बच्चों का अध्ययन किया. इन्हें हड्डी या जोड़ संक्रमण के संदेह के चलते भर्ती कराया गया था. इनमें से 65 बच्चों को पक्के तौर पर हड्डी या जोड़ों का संक्रमण था.

उन्होंने पाया कि चार साल से कम उम्र के जिन बच्चों में हड्डी या जोड़ों का संक्रमण पाया गया था, उनमें से अधिकतर बच्चे किंगेला किंगे बैक्टीरिया से संक्रमित थे.

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कनाडा के मोंट्र‍ियल यूनिवर्सिटी के जोसलेन ग्रेवल ने कहा कि सबसे अहम बात यह है कि हमने यह पता लगाया कि जिन बच्चों को हड्डी या जोड़ों का संक्रमण था, उनके गले में ये बैक्टीरिया मौजूद थे.

हालांकि संक्रमण से बचे हुए बच्चों (मात्र छह प्रतिशत) में यह बात सामान्य नहीं है.

 

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