
शायरी, कविताएं, कहानियां और उपन्यास के शौकीनों के लिए आज तक ने सजाया है दो दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल 'साहित्य आज तक'. 12 नवंबर को इसकी शुरुआत हो चुकी है. इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर द आर्ट्स, नई दिल्ली में कल यानी 13 नवंबर को भी पूरे दिन कई दिग्गज मंच से अपनी कविताएं, किस्से और कहानियां सुनाएंगे. पहले दिन जहां गीतकार जावेद अख्तर ने पहले सत्र में हर मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी वहीं दिन का समापन कवि और राजनेता कुमार विश्वास की कविताओं से हुई.
इंसानियत से बड़ा कुछ नहीं है
नेता होने के साथ-साथ फिल्मों में गाने लिखने वाले कपिल सिब्बल ने साहित्य आज तक में शिरकत की. इस सेशन का नाम 'नेताजी लिखिन' है. कपिल सिब्बल ने कहा कि हर इंसान के दिल में एक भावना है जो कविता के द्वारा सामने आती है. उनका दिल गरीबों के लिए भी धड़कता है. कपिल सिब्बल ने गरीबों पर एक कविता सुनाई... हक मेरे दिला तू, मुझको खुदा तू, नहीं तो बता तू, करेगा फिर क्या तू. कपिल सिब्बल ने कहा कि हर शख्स को इंसान बनना चाहिए. जो इंसानियत के रास्ते नहीं चलेगा हमेशा परेशान रहेगा. जिंदगी एक ऐसी चीज है आपको नहीं पता आगे क्या होने वाला है. कपिल सिब्बल ने बताया कि हम जब सियासत में थे तो हमेशा अपनी बात रखते थे. राजनेता बनने से पहले में कविताएं लिखता रहा हूं. मजाकिए अंदाज में कपिल सिब्बल ने कहा कि मैं मंत्री था तो काम कम और आराम ज्यादा करता था. इसके साथ ही 2014 से पहले एक अंग्रेजी में लिखी कविता भी कपिल ने सुनाई.
'भाषा से खिलवाड़ ना हो'
साहित्य आज तक के 'हिंदीस्थान' सेशन में नए दौर के कवि, लेखक आशुतोष राणा पहुंचे. आशुतोष ने आज तक चैनल के लिए कहा कि समाचार चैनल विचार से जुड़कर विचार चैनल बन गया है. और इसके साथ आज तक को चिरंजीवी आयुष्मान का आशीर्वाद दिया. आशुतोष राणा ने हिंदी को मन की भाषा भी बताया. आशुतोष राणा ने कहा कि आज जंग मैदान पर नहीं सोशल मीडिया पर जारी है. आज मेरी कल तेरी बारी है. असहमति विचारों की होती है, विरोध व्यक्ति का होता है. इसलिए असहमति को विरोध नहीं समझा जाना चाहिए. आगे साहित्य महाकुंभ में कुंभ के बारे में बताते हुए आशुतोष ने कहा कि कुंभ में अपनों से बिछड़ते है और अपने आप से मिल जाते हैं. भाषा के बारे में उन्होंने कहा भाषा मेरे लिए संवाद है. अपने बचपन का एक किस्सा शेयर करते हुए आशुतोष राणा ने कहा मेरी मां ने कहा था भाषा का स्वरूप को अगर बिगाड़ोगे तो भाषा आपको बिगाड़ देगी. आशुतोष ने कविता से भारत के दुश्मनों पर भी निशाना साधा.
साहित्य आज तक के 'ये जो देश मेरा' के सेशन में लोक गायिका मालिनी अवस्थी, लोक गायक हंस राज हंस और सांसद और अभिनेता मनोज तिवारी ने अपने गीतों से समां बांधा. मनोज तिवारी के गीतों पर लोग जमकर झूमे.
'पैसे वाले कभी वोट नहीं देते'
साहित्य आज तक के सेशन 'मां की बात' में उर्दू शायर मुनव्वर राणा अपने श्रोताओं से रू-ब-रू हुए. इस सत्र के मॉडरेटर रहे शम्स ताहिर खान. उर्दू शायर मुनव्वर राणा ने बताया कि यदि मां होती तो सरहदों पर भी बंटवारा नहीं होता. उन्होंने यह भी बताया कि जब वाल्मीकि मुकम्मल इंसान बन कर रामायण के रचयिता बन सकते हैं तो फिर कोई मामूली इंसान तो फिर कुछ और ही बन सकता है. मुनव्वर राणा बोले ने कहा कि पैसे वाले कभी वोट नहीं देते सिर्फ मशविरा देते हैं. शायर का काम शेयर लिखना है कुछ भेजन वेजना डाकिया का काम है.
'मैं अपने आप से प्रेरित हूं'
'ज़ुबानी जानेमन' सेशन में आए एक्टर, गीतकार पीयूष मिश्रा और स्वानंद किरकिरे ने अपनी कविताओं और गानों से लोगों का खूब मनोरंजन किया. पीयूष मिश्रा तो नौजवानों की तरह जोश में दिखें और बड़ी बेबाकी से देश के ज्वलंत मुद्दों पर अपनी राय रखी. पीयूष के मुताबिक जवान लोगों के साथ रहने से पता चलता है कि आजकल दुनिया में क्या चल रहा है.
'हम 24 घंटे भांड नहीं रह सकते, सिनेमा वो जो सोने न दे'
साहित्य आज तक में अनुराग कश्यप ने कहा कि आज कल साहित्य पढ़ना कम हो गया है. विजुअल मीडिया चलन में है. और सिनेमा साहित्य की जगह ले रहा है. तो सिनेमा को साहित्य की जिम्मेवारी लेनी होगी. मैं किसी को कोई मैसेज देना नहीं चाहता, मैं अपनी फिल्मों के जरिए बस मसलों को कुरेदता हूं ताकि लोग खुद जवाब ढूंढेंगे.
'लक्ष्य ढूंढते हैं वे जिनको वर्तमान से प्यार नहीं'
साहित्य आज तक में प्रसिद्ध गीतकार, कवि और ऐड गुरु प्रसून जोशी ने ओलंपिक में लड़कियों के मेडल लाने पर अपनी रचना सुनाई...शर्म आ रही है ना, उस समाज को जिसने उसके जन्म पर खुल के जश्न नहीं मनाया शर्म आ रही है ना, उस पिता को उसके होने पर जिसने एक दीया कम जलाया.
'ट्रिपल तलाक पर लगे बैन, मैं बीच के रास्ते पर सच के साथ'
आयोजन की शुरुआत जावेद अख्तर से हुई. ट्रिपल तलाक पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस पर तत्काल बैन लगना चाहिए. देश का संविधान सबसे ऊपर है. जावेद अख्तर ने नोटबंदी पर कहा कि देश के लिए एक दो दिन तकलीफ उठाने में कोई नुकसान नहीं है.
‘जय हिंद, जय हिंदी’बोल के साथ हुआ साहित्य आज तक का आगाज
इससे पहले 'साहित्य आज तक' का आगाज करते हुए ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर कली पुरी ने
कहा कि यह दुख की बात है हमारे देश में हिंदी साहित्य को महत्व नहीं दिया
जाता. हमारी कोशिश है कि हम परंपराओं को अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए संभाल कर रखें. आखिर में जय हिंद जय हिंदी बोल कर उन्होंने अपने शब्दों को विराम दिया.
दो दिन चलने वाले इस इवेंट में 32 दिलचस्प सेशन रखे गए हैं. 13 नवंबर यानी कल इसके मंच पर कई बड़े दिग्गज जैसेे, नंदिता दास, अनुपम खेर आदि शामिल होंगे. इसी के साथ रेडियो की दुनिया में अपना नाम करने आरजे रौनक और आरजे साइमा भी आपसे रू-ब-रू होंगे.
साहित्य आज तक में आ रहा है 'बउआ', मिस न करें मिलने का मौका
13 नवंबर को होने वाले साहित्य के इस महाकुंभ में क्या-क्या होने वाला है, यह जान लें -
13 को दिल्ली में लगा साहित्य के सितारों का महाकुंभ, देखें पूरा शेड्यूल
13 नवंबर को
साहित्य आज तक में कौन-कौन हो रहा है शामिल? देखें पूरा शेड्यूल
13 नवंबर की दोपहर 12 बजे से 'गालिब-ए-खस्ता के बगैर' में दिल्ली के गर्वनर नजीब जंग गालिब के गजल सुनाएंगे. दोपहर 12:45 से 'लव, लस्ट और लाइफ इन इंग्लिश' आयोजित होगा जिसमें राइटर अनुजा चौहान, राइटर रविंदर सिंह और पत्रकार व राइटर श्रीमोयी पियू कुंडू अपने विचार रखेंगे.
13:30-14:00 के बीच 'बिहार से तिहाड़ तक' में स्टूडेंट लीडर कन्हैया कुमार आएंगे तो 'छपास की आस' में नामी पब्लिशिंग हाउसेज के दिग्गज शामिल होंगे.
14:00-14:45 के बीच आप मीडिया की दुनिया के बड़े नाम- राजदीप सरदेसाई, पॉलिटिशन व लेखक आशुतोष और पत्रकार व लेखक उदय महुर्कर से मिल सकते हैं. इसी दौरान 'साहित्य का देवलोक' में लेखक देवदत्त पटनायक आएंगे.
14:45 पर एक्टर-डायरेक्टर नंदिता दास के साथ मंटो पर सेशन होगा.
15:15 पर शुरू होगा काव्य रस से भरा प्रोग्राम 'कवि कुछ ऐसी तान सुनाओ' जिसमें हरी ओम पवार, अशोक चक्रधर और पॉपुलर मेरठी अपनी तान छेड़ेंगे. इसी दौरान 'विचारधारा और साहित्य' में तरुण विजय, पुरुषोत्तम अग्रवाल, शाहिद सिद्दीकी और मधु किश्वर अपने विचार रखेंगे.
'साहित्य आजतक' में मिलिए 'लब पे आती है दुआ...' लिखने वाले नवाज देवबंदी से
16:00 बजे से 'मुशायरे की मुश्किल' के तहत शायरों की महफिल होगी जिसमें मशहूर शायर राहत इंदौरी, उर्दू के कवि डॉ. नवाज, कवि राजेश रेड्डी और हरि ओम शामिल होंगे. इसी के साथ 'मेरा समाज मेरा साहित्य' प्रोग्राम भी होगा.
17:00 बजे से चित्रा मुद्गल, मैत्रेयी पुष्पा और नसीरा शर्मा के साथ 'साहित्य, संस्कृति और समाज' पर चर्चा होगी. तो 'रेडियो वाले बाबू' के तहत आरजे जस्सी, सायमा और रौनक से मिलने के मौका मिलेगा.
18:00 बजे नेता और कवि कुमार विश्वास 'कोई दीवाना समझता है कोई पागल समझता है' प्रोग्राम के तहत आपसे मिलेंगे.
19:00 बजे शुरू होगा मशहूर बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर और उनकी टीम का नाटक 'कुछ भी हो सकता है'.
साहित्य आज तक: अनुराग कश्यप बोले- जो पूछा जाएगा वो बक दूंगा, पंगे तो होते रहते हैं