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Rakshabandhan पर सावन का आखिरी सोमवार, अद्भुत संयोग से बढ़ा महत्व

Raksha Bandhan 2020: इस बार रक्षाबंधन का त्योहार और सावन का आखिरी सोमवार (Sawan Last monday) एक ही दिन है. ये त्योहार 3 अगस्त को मनाया जाएगा. इस बार रक्षाबंधन के दिन श्रवण नक्षत्र पूरे दिन बना रहेगा.

Raksha Bandhan 2020: सावन के आखिरी सोमवार पर रक्षाबंधन Raksha Bandhan 2020: सावन के आखिरी सोमवार पर रक्षाबंधन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 7:22 AM IST

Raksha Bandhan 2020: भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार 3 अगस्त को मनाया जाएगा. इसी दिन सावन का आखिरी सोमवार भी है जिसकी वजह से रक्षाबंधन का महत्व और बढ़ गया है. रक्षाबंधन का त्योहार सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है. ये रक्षाबंधन बहुत खास होने वाला है क्योंकि इस दिन ग्रह-नक्षत्रों के अद्भुत संयोग बन रहे हैं.

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रक्षाबंधन पर दिनभर रहेगा श्रवण नक्षत्र (Raksha Bandhan 2020 Date and Shubh Muhurat)

3 अगस्त को रक्षाबंधन पर सुबह उत्ताराषाढ़ा के बाद श्रवण नक्षत्र रहेगा. रक्षाबंधन पर श्रवण नक्षत्र का होना फलदायी माना जाता है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और आयुष्मान दीर्घायु का शुभ संयोग भी बन रहा है. इस नक्षत्र में भाई की कलाई पर राखी बांधने से भाई, बहन दोनों दीर्घायु होते हैं.

रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त

राखी बांधने के समय भद्रा नहीं होनी चाहिए. कहते हैं कि रावण की बहन ने उसे भद्रा काल में ही राखी बांध दी थी इसलिए रावण का विनाश हो गया. 3 अगस्त को भद्रा सुबह 9 बजकर 29 मिनट तक है. राखी का त्योहार सुबह 9 बजकर 30 मिनट से शुरू हो जाएगा. दोपहर को 1 बजकर 35 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 35 मिनट तक बहुत ही अच्छा समय है. इसके बाद शाम को 7 बजकर 30 मिनट से लेकर रात 9.30 के बीच में बहुत अच्छा मुहूर्त है.

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रक्षाबंधन की पौराणिक कथा

कहा जाता है कि महाभारतकाल में जब श्रीकृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का वध किया था तो उस समय उनकी ऊंगली कट गयी थी. यह देख द्रौपदी ने अपनी साड़ी का पल्ला फाड़ कर उनकी ऊंगली पर बांध दिया था. इसे एक रक्षासूत्र की तरह देखा गया. इसके बाद श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को सदैव उनकी रक्षा करने का वचन दिया था. इसके बाद जब भरी सभा में दुशासन द्रौपदी का चीरहरण कर रहा था तब श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की लाज रखकर और अपना वचन पूरा किया.

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