महाराष्ट्र में सत्ता गंवाने के बाद झारखंड विधानसभा चुनाव में हार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के लिए अच्छा संकेत नहीं है. वहीं, ज्योतिषियों का कहना है कि 2020 पीएम मोदी और उनकी पार्टी के लिए अच्छा साबित हो सकता है. ज्योतिषी नए साल को पीएम मोदी के लिए मेहनत से मंजिल पाने का वर्ष बता रहे हैं.
भाग्येश चंद्र की महादशा में व्ययेश शुक्र का अंतर निवेश से सफलता का सूचक है. इस दौरान शनि की साढ़े साती भी खत्म हो रही है. यह वाणी-व्यवहार को और प्रभावी बनाएगा. देवगुरु बृहस्पति का सुखसौख्यकारी गोचर उनमें साहस और मनोबल भरेगा.
17 सितंबर 1950 को दिन में 11 बजे वडनगर में जन्मे नरेंद्र दामोदरदास मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न और राशि की है.
लग्न में चंद्र-मंगल योग. केंद्रस्थ स्वराशि के मंगल से निर्मित रूचक योग ने उन्हें योद्धा बनाया है. भूमिपुत्र की ख्याति दिलाई है.
वर्तमान में वे भाग्येश चंद्रमा की महादशा में हैं. महादशा लगभग दो वर्ष और बनी रहेगी. निश्चित ही यह उन्हें साथ, सहयोग, समर्थन दिलाएगी.
आने वाले साल में प्रधानमंत्री मोदी प्रशासन प्रबंधन के जमीनी कामों में अधिक व्यस्त रह सकते हैं. विभिन्न मामलों में स्वयं का नियंत्रण बढ़ाने की सोच रहेगी.
शुरुआत साधारण रहेगी. जनवरी माह में अपेक्षित सफलताएं मिलने के संकेत कम हैं. हालांकि साहस संपर्क और पराक्रम की नई कहानी लिख सकता है.
फरवरी-मार्च में प्रबंधन प्रशासन के मामले हावी रहेंगे. नवीन राजनायिकों से भेंट. विदेश भ्रमण के अवसर बन सकते हैं. संसद का बजट सत्र इसी ग्रह गोचर के प्रभाव से खास हो सकता है.
अप्रैल-मई लग्नेश और राशि स्वामी मंगल के प्रभाव में उल्लेखनीय परिणाम की संरचना बनाएगा. नवीन वित्त वर्ष नए साहसपूर्ण फैसलों का गवाह बनेगा. प्रबंधन प्रशासन और जनता पर प्रभाव बढ़ेगा.
जून, जुलाई और अगस्त में विंशोत्तरी में राहु और कमजोर गोचर अप्रत्याशितता बढ़ाएगा. नए और गूढ़ विषयों के उभरने के संकेत हैं.
सितंबर-अक्टूबर उन्हें उल्लेखनीय उपलब्धियों से जोड़ेगा. जनविश्वास प्रखर होगा. सटीक निर्णयों से देश-दुनिया में भारतवर्ष का परचम बुलंद होगा.
नवंबर-दिसंबर सहज प्रभावशील और उत्तरोत्तर शुभता को बढ़ाएंगे. देश-दुनिया में मान-सम्मान बढ़ेगा. वैदेशिक मामलों में गति आएगी. वैश्विक पुरस्कारों के योग बनेंगे.