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साइंस न्यूज़

कैसे पूरी तरह से बदल गई धरती... ये बताती है कनाडा की क्रॉफोर्ड झील

aajtak.in
  • ओंटारियो,
  • 12 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 2:01 PM IST
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कनाडा की यह झील धरती में आ रहे बदलावों की पूरी कहानी बताती है. साथ ही ये भी बता रही है कि कैसे इंसानों की वजह से नए युग की शुरुआत हो रही है. जिसे एंथ्रोपोसीन (Anthropocene) कहते हैं. यानी इंसानों की वजह से धरती पर आ रहे न ठीक हो पाने वाले बदलाव. (सभी फोटोः गेटी)

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इस झील का नाम क्रॉफोर्ड लेक (Crawford Lake) है. यह कनाडा के ओंटारियो में है. इसमें प्राचीन मिट्टी से लेकर इंसानों द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण के सबूत भी है. इसमें 13वीं से 15वीं सदी क इरोक्वियन समुदाय के सबूत हैं, तो यूरोपियन कोलोनिस्ट की मौजूदगी का इतिहास भी दर्ज है. 

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इस वजह से UNESCO ने इसे बायोस्फेयर रिजर्व घोषित कर दिया है. यह झील भौगोलिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक घटनाओं का इतिहास है. इसे वैज्ञानिक जियोलॉजिक टाइम का यूनिट मानते हैं. यानी भौगोलिक बदलावों की घड़ी. यह झील एंथ्रोपोसीन की वजह से हो रहे बदलावों की गवाह है. 

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2016 में इस जगह पर इंटरनेशनल कमीशन ऑन स्ट्रैटीग्राफी सबकमेटी ने स्टडी की थी. पता चला कि इस झील में इंसानों के इतिहास का पूरा लेखा-जोखा है. इंसानों द्वारा प्रकृति को पहुंचाए गए सभी चोटों के प्रमाण हैं. यहां इंसानों द्वारा बनाई गई चीजों के अलावा रेडियोएक्टिव आइसोटोप्स, केमिकल और मौसमी बदलावों के सबूत भी हैं. 

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यूनिवर्सिटी ऑफ साउथहैम्प्टन में एनवायरमेंटल रेडियोकेमिस्ट्री के प्रमुख एंड्र्यू कंडी के मुताबिक इस झील में प्लूटोनियम है. जिससे पता चलता है कि इंसान कब इतना ताकतवर हो गया कि उसने धरती पर हर जगह अपनी मौजूदगी के निशान छोड़े हैं. 

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दुनिया में प्लूटोनियम की मात्रा बेहद कम है. लेकिन 1950 के मध्य में जब पहले हाइड्रोजन बम का परीक्षण हुआ. इसके बाद तो पूरी दुनिया में प्लूटोनियम की खोज होने लगी. इस पर रोक तब लगी जब 1960 के मध्य में न्यूक्लियर टेस्ट बैन ट्रीटी सक्रिय हुआ. 

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ब्रॉक यूनिवर्सिटी की माइक्रोपैलियोंटोलॉजिस्ट फ्रैंसीन मैक्कार्थी ने कहा कि क्रॉफोर्ड लेक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि धरती में सालाना होने वाले बदलावों का असर यहां दिखता है. सबूत मिलते हैं. यह झील बताती है कि कैसे एक छोटी सी झील इंसानों की गतिविधियों से लगातार बदल रही है. 

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झील छोटी है लेकिन बेहद गहरी भी है. इसलिए इसके अलग-अलग स्तर पर पानी अलग है. वो मिक्स नहीं होता. कैल्सियम और कार्बोनेट पत्थरों से निकल कर पानी में मिलकर क्रिस्टल बनाते हैं. वो झील की तलहटी में सेट हो जाते हैं. जो हर मौसम का हाल बयान करते हैं. 

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इसके अलावा झील में सदियों से जमा हो रहे बीज, शूट, जड़, आइसोटोप्स, मिट्टी की परतें, जानवरों हड्डियां आदि सब मिलते हैं. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में जियोसाइंटिस्ट साइमन टर्नर ने कहा कि इस झील की तलहटी में आपको इंसानी इतिहास से जुड़े पर्यावरणीय बदलाव देखने को मिल जाएंगे. 

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