14 जुलाई 2023 इतिहास में दर्ज हो गया. क्योंकि भारत ने तीसरी बार चंद्रमा के लिए कोई मिशन छोड़ा. नाम है चंद्रयान-3. मकसद चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग. रोवर चलाना. और कुछ एक्सपेरिमेंट. लेकिन लॉन्च के समय माहौल कैसा था? (सभी फोटोः ISRO/AP)
एलवीएम-3 रॉकेट जैसे ही चंद्रयान-3 को लेकर गरजते हुए. पूरे श्रीहरिकोटा द्वीप को कंपकंपाते हुए ऊपर उठा. पीछे वह खुशियों और उम्मीदों की चमक छोड़ गया. सीटियां बज रही थीं. तालियां भी. लोग इसरो और भारत जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे.
ये तस्वीर मीडिया सेंटर से ली गई है. यह लॉन्च पैड से करीब 4-5 किलोमीटर दूर है. पेड़ों के पीछे से जब चंद्रयान-3 की उड़ान दिखाई पड़ी तो मीडियाकर्मी भी अपनी रिकॉर्डिंग, फोटोग्राफी और लिखना छोड़कर तालियां बजाने लगे.
जैसे-जैसे रॉकेट ऊपर जा रहा था. एड्रिनेलिन लेवल बढ़ता जा रहा था. यानी वह हार्मोन जो खुशी, एक्साइटमेंट को बढ़ाता है. करते भी क्या माहौल ही ऐसा था. 10 की उलटी गिनती पर जो शांति थी. वो लॉन्च के बाद रॉकेट की गर्जना और लोगों की हूटिंग में बदल गई.
क्या बूढ़ा. क्या बच्चा. क्या जवान. क्या इसरो में सिक्योरिटी में लगे सुरक्षाकर्मी. सबके हाथ में मौजूद मोबाइल इस ऐतिहासिक पल को रिकॉर्ड कर रहा था. कोई इसका स्टेटस लगाता. कोई सोशल मीडिया पर शेयर करता. कोई अपनों को भेजता.
लॉन्च के समय श्रीहरिकोटा के ऊपर कुछ बादल थे. मानो देखने आए थे कि रॉकेट कैसे उन्हें चीरकर जाएगा. अब इस तस्वीर को देखिए. रॉकेट जब बादलों को चीर रहा था, तो रोशनी बिखरते हुए जा रहा था. मानो रास्ते में कोई भी आए हम उसे पार कर जाएंगे. दुनिया को रोशन करेंगे.
एलवीएम-3 रॉकेट ने चंद्रयान-3 को 179 किलोमीटर ऊपर की कक्षा में छोड़ दिया. अब इसके आगे की यात्रा चंद्रयान-3 और उसके प्रोपल्शन मॉड्यूल को खुद करनी है. यात्रा लंबी है. 3.84 लाख किलोमीटर की दूरी तय करनी है. समय तो लगेगा. करीब 42 दिन का.
लॉन्चिंग को देखने आसपास के कई स्कूलों के बच्चे इसरो के ओपन ऑडिटोरियम में आए थे. लॉन्च से पहले पूरा ऑडिटोरियम खचाखच भर गया था. कम से कम 300 बच्चे, टीचर्स, कुछ पर्यटक और स्थानीय लोग जमा थे.
चंद्रयान-3 आज यानी 15 जुलाई 2023 से पृथ्वी के चारों तरफ चक्कर लगाते हुए कक्षाएं बदलेगा. यानी ऑर्बिट बदलेगा. साइंस की भाषा में इसे ऑर्बिट मैन्यूवरिंग कहते हैं. हर चक्कर के बाद एक खास जगह पर चंद्रयान-3 के इंजन को ऑन करके, उसे आगे की दिशा में बढ़ाया जाएगा.
चंद्रयान-3 की सफलता के लिए देशभर में कई स्थानों पर पूजा-पाठ भी किया गया है.