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क्या बूस्टर वैक्सीन आपको डेल्टा वैरिएंट से बचा पाएगा? जानिए एक्सपर्ट की राय

aajtak.in
  • न्यूयॉर्क,
  • 20 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 1:40 PM IST
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इस समय कोविड-19 के डेल्टा वैरिएंट से पूरी दुनिया परेशान है. सवाल ये उठ रहा है कि हमें जो वैक्सीन लगी है, क्या वो डेल्टा वैरिएंट से बचा पाएगी. क्या हमें डेल्टा वैरिएंट से बचने के लिए तीसरा डोज बूस्टर वैक्सीन के तौर पर लेना होगा. क्या बूस्टर वैक्सीन हमें डेल्टा वैरिएंट से बचाने में कारगर होगा? तो आपको बता दें कि अमेरिका में जो वैक्सीनेशन चल रहा है उसकी वजह से लोगों में डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ मजबूत इम्युनिटी बनी है. उन्हें इस वैरिएंट से सुरक्षा मिल रही है. (फोटोः पिक्साबे)

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अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीस कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) और फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने संयुक्त बयान जारी करके कहा है कि जिन अमेरिकी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है, उन्हें डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) से घबराने की जरूरत नहीं है. न ही उन्हें किसी तरह के बूस्टर शॉट या टीके की जरूरत है. दोनों संस्थाओं ने कहा कि हम लगातार कोरोना के आंकड़ों पर नजर रख रहे हैं, कभी अगर जरूरत पड़ेगी तो हम तुरंत लोगों को बताएंगे. फिलहाल बूस्टर वैक्सीन की जरूरत नहीं है. (फोटोः गेटी)
 

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द न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार अमेरिका की दोनों सर्वोच्च मेडिकल संस्थाओं का बयान ऐसे समय में आया है जब फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-BioNTech) अपनी वैक्सीन का बूस्टर शॉट की अनुमति मांगने की तैयारी कर रही है. हालांकि सिर्फ यही दवा कंपनी ऐसा नहीं कर रही है. बाकी अन्य कोविड-19 वैक्सीन बनाने वाली दवा कंपनियां भी बूस्टर शॉट की जरूरत को लेकर स्टडी कर रही हैं, ताकि जैसे ही जरूरत हो तो उसे पूरा किया जा सके. एक्सपर्ट्स ने फाइजर-बायोएनटेक की इस तैयारी को लेकर काफी आलोचना की है. (फोटोः गेटी)

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फिलहाल अमेरिका में फाइजर (Pfizer), मॉडर्ना (Moderna) और जॉन्सन एंड जॉन्सन (J&J) की कोविड-19 वैक्सीन लगाई जा रही है. ये सारे टीके कोरोनावायरस के खिलाफ काफी ज्यादा ताकतवर हैं. इतना ही नहीं, ये तीनों वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ भी काफी ज्यादा प्रभावी हैं. रॉयटर्स के मुताबिक दूसरी तरफ यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (EMA) ने कहा यह कोविड-19 वैक्सीन के दो डोज के बाद तीसरे बूस्टर डोज की जरूरत पड़ेगी, इसके बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. (फोटोः पिक्साबे)

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डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) जिसे B.1.617.2 भी कहते हैं, इसे सबसे पहले पिछले साल अक्टूबर में भारत में दर्ज किया गया था. मई 2021 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वैरिएंट ऑफ कंसर्न यानी चिंता वाला वैरिएंट की सूची में डाला था. डेल्टा वैरिएंट अपने पूर्वज अल्फा वैरिएंट की तुलना में 60 फीसदी ज्यादा संक्रामक है. अल्फा वैरिएंट ने इससे पहले अमेरिका में काफी ज्यादा तबाही मचाई थी. इसने कोरोना वायरस की पहली लहर में दुनिया को परेशान किया था. (फोटोः पीटीआई)

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सीडीसी के मुताबिक अमेरिका में फिलहाल 58 फीसदी मामले डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) के हैं. पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (Public Health England) द्वारा की गई एक स्टडी के मुताबिक फाइजर (Pfizer) की कोविड-19 वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 88 फीसदी कारगर है. स्कॉलैंड और कनाडा में हुई अन्य स्टडी में यह बात सामने आई है कि यह वैक्सीन 79 और 87 फीसदी क्रमशः कारगर है. यह वैक्सीन लेने के बाद आपको डेल्टा वैरिएंट की वजह से गंभीर रूप से बीमार नहीं होना पड़ता. अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आती. (फोटोः पिक्साबे)

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इन स्टडीज से पहले इजरायल में हुई स्टडी में बताया गया था कि फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट के लक्षणों के खिलाफ सिर्फ 64 फीसदी ही प्रभावी है. जबकि, गंभीर रूप से बीमार पड़ने से 93 फीसदी बचाएगी. यह एक प्राथमिक स्टडी थी. उस समय फाइजर ने कहा था कि उसके परिणाम इजरायल के आंकड़ों से मिलते हैं. (फोटोः पिक्साबे)

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जॉन्सन एंड जॉन्सन (J&J) ने हाल ही में कहा था कि उसकी एक डोज वाली कोविड-19 वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ काफी ज्यादा प्रभावी है. वह भी लोगों को बचा सकती है. उधर मॉडर्ना (Moderna) ने बयान दिया था कि उसकी वैक्सीन लगवा चुके लोगों के शरीर में डेल्टा वैरिएंट से लड़ने और बचाव के लिए एंटीबॉडीज मौजूद हैं. इसलिए लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. (फोटोः पिक्साबे)

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सीडीसी (CDC) की डायरेक्टर रोशेल वॉलेस्काई ने हाल ही में कहा था कि अमेरिकी राज्यों से प्राप्त प्राथमिक डेटा के अनुसार पिछले कुछ महीनों में कोविड-19 संक्रमण से जिन लोगों को मौत हुई है, उनमें से 99.5 फीसदी लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी. इन लोगों को बचाया जा सकता था, अगर उन्होंने वैक्सीन की एक भी डोज लगवा ली होती तो. क्योंकि किसी भी कंपनी की वैक्सीन आपको डेल्टा वैरिएंट के गंभीर दुष्प्रभावों से बचा सकती है. (फोटोः पिक्साबे)

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पेन्न इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी के इम्यूनोलॉजिस्ट ई. जॉन वेरी कहते हैं कि कोरोना के बाढ़ को रोकने के लिए इन वैक्सीन के बांध की सख्त जरूरत है. क्योंकि इस समय किसी भी दवा कंपनी की वैक्सीन लगवाने से आप कोरोना के कई वैरिएंट्स के खतरों से बच जाएंगे. वहीं, सीडीसी और एफडीए ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम बूस्टर डोज के लिए हां भी कहेंगे और लोगों को इसे लगवाने की सलाह भी देंगे. (फोटोः पीटीआई)

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