Advertisement

साइंस न्यूज़

300 साल पुरानी गुफा में पति-पत्नी को दिखे 'भूत', घटना वीडियो में रिकॉर्ड

aajtak.in
  • लंदन,
  • 02 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 2:48 PM IST
  • 1/18

उत्तर-पश्चिम इंग्लैंड में स्थित एक पुरानी गुफा में दो लोग घूमने और भूत देखने गए. उन्होंने दावा किया है कि वहां उनसे भूत ने इशारों में गुफा से बाहर जाने के लिए कहा. उन्होंने इसका वीडियो भी बनाया है, जिसमें कुछ अजीब-गरीब आकृतियां उनके आसपास चलती फिरती दिख रही हैं. आइए जानते हैं कि ये गुफा कहां है और इन घोस्ट हंटर्स (Ghost Hunters) का क्या ये दावा सही है? (फोटोः मरकरी प्रेस)

  • 2/18

इंग्लैंड के उत्तर-पश्चिम में स्थित है कॉर्नवॉल (Cornwall). यहां पर एक प्राचीन गुफा है. यह करीब 300 साल पुरानी है. यहां अक्सर पर्यटक जाते हैं. लेकिन टोनी और बेथ फर्गुसन इसमें अकेले घूमने गए. गुफा के अंदर जाने पर उन्होंने एकदूसरे की वीडियो रिकॉर्डिंग करनी शुरू की. उनके वीडियो में अजीबो-गरीब आकृतियां उभर कर सामने आई. एक आवाज आई जो उनसे गेट आउट कह रही थी. लेकिन उन्हें उस आवाज के सोर्स का पता नहीं चला. (फोटोः मरकरी प्रेस)

  • 3/18

इस महीने की शुरुआत में टोनी और बेथ फर्गुसन कॉर्नवॉल के लिस्केयार्ड स्थित कार्नग्लेज गुफाओं में घूमने गए थे. आवाज सुनने के बाद वो लोग थोड़ी ही देर में गुफा से बाहर चले गए. लेकिन जब घर पहुंच कर उन्होंने वीडियो को दोबारा देखा तो वो दंग रह गए. उन्हें लगा कि वो सिर्फ आवाजें ही नहीं सुन रहे थे. बल्कि उनके आसपास कई ऐसी आकृतियां घूम रही थीं, जो अनोखी और डराने वाली थीं. (फोटोः मरकरी प्रेस)

Advertisement
  • 4/18

द मिरर न्यूज साइट में प्रकाशित खबर के अनुसार टोनी और बेथ ने बताया कि उनके वीडियो में दो भूतिया आकृतियां रिकॉर्ड हुई हैं. उसके बाद उन्हें एक भयानक आवाज सुनाई दी, जिसमें लगा कि कोई लड़की उन्हें हेलो कह रही हो. उनके वीडियो फुटेज में भी यह आवाज रिकॉर्ड हैं. दूसरी आकृति ने उन्हें बाहर जाने के लिए गेट आउट तक कहा. ये सारी बातें वीडियो में रिकॉर्ड हुई हैं. (फोटोः गेटी)

  • 5/18

आमतौर पर कोई अन्य दंपत्ति होती तो उसकी हालत खराब हो जाती. लेकिन टोनी और बेथ ऐसी अलौकिक गतिविधियों को रिकॉर्ड करने में डरते नहीं है. ये अपने खाली समय में भूतों को खोजते रहते हैं. ये खुद को घोस्ट हंटर्स बताते हैं. 42 वर्षी टोनी पर्सनल ट्रेनर हैं. वो कहते हैं कि मैंने कई बार भूतिया इलाकों को जांचा है. घूमा है. लेकिन इस बार इस गुफा ने मुझे हैरानी में डाल दिया. मैं यहां पर बेचैनी महसूस कर रहा था. (फोटोः गेटी)

  • 6/18

टोनी ने बताया कि हमें इस बात का कोई आइडिया नहीं था कि यह गुफा भूतिया है. न ही हमनें ऐसी कोई रिपोर्ट पढ़ी थी. लेकिन जब हम इसमें घूमने गए तब हमारे साथ यह वाकया हुआ. अच्छी बात ये है कि हमारे पास इस पूरी घटना का वीडियो है. नहीं तो कोई भी हमारी बात पर भरोसा नहीं करता. हम जब गुफा में घूम रहे थे, तब हमें लगा कि कोई हमारे साथ चल रहा है या फिर पीछा कर रहा है. हमनें कई बार अपने आसपास देखा लेकिन हमें कुछ नहीं दिखा. (फोटोः गेटी)

Advertisement
  • 7/18

अचानक मेरे सामने एक सफेद धुंध आती है. अपना रूप बदलती है और उसके बाद गायब हो जाती है. हम लगातार भुनभुनाने की आवाज सुनते रहे. लेकिन हमारे लिए सबसे डरावना मौका वह था जब हमसे 'गेट आउट' कहा गया. यह गुफा 300 साल पहले रॉयल नेवी द्वारा बनाई गई थी. द्वितीय विश्व युद्ध के समय इसमें से स्लेट का खनन होता था. (फोटोः गेटी)

यहां देखिएः टोनी-बेथ द्वारा बनाया गया भूतों का वीडियो

  • 8/18

टोनी ने बताया कि जब हमें यह अहसास हुआ कि हमारे पास भूत या आत्माएं हैं, तब हमनें कैमरा और लाइट्स ऑन किए. इसके बाद हमने अपने आसपास घूमते हुए दो सफेद आकृतियां देखीं. एक तो सामने आकर रूप बदलकर गायब हो गया. दूसरा तब दिखा जब मेरी पत्नी मेरा वीडियो बना रही थी, उस समय एक छोटा सा भूत मेरे पैर के पीछे से भागते हुए एक तरफ से दूसरी तरफ निकल गया. (फोटोः गेटी)

  • 9/18

अगर आपको भूतों पर विश्वास है तो आपको बता दें कि साल 2019 में Ipsos Poll में ये बात सामने आई थी कि 46 फीसदी अमेरिकी लोगों भूतों में भरोसा करते हैं. इस सर्वे में 7 फीसदी लोगों ने यह भी माना था कि वो वैंपायर्स में भी विश्वास करते हैं. भूतों की कहानियां हर धर्म में होती हैं. साहित्य में भी दिखाई देती हैं. बहुत से लोग पैरानॉर्मल बातों पर भरोसा करते हैं. मृत्यु के नजदीक जाकर वापस आने के अनुभवों को शेयर करते हैं. मौत के बाद की जिंदगी को मानते हैं. आत्माओं से बातचीत करते हैं. कई लोग सदियों से भूतों और आत्माओं से बातें करने का दावा करते आ रहे हैं. कैंब्रिज और ऑक्सफोर्ड जैसी प्रसिद्ध यूनिवर्सिटीज में घोस्ट क्लब बने हैं. (फोटोः गेटी)

Advertisement
  • 10/18

वैज्ञानिक तौर पर भूतों पर रिसर्च इसलिए मुश्किल हो जाता है क्योंकि हैरतअंगेज तरीके से इन्हें लेकर अजीब-गरीब और अप्रत्याशित घटनाएं होती हैं. जैसे- दरवाजों का खुद खुलना या बंद होना, चाभी का गायब हो जाना, किसी मृत रिश्तेदार का दिखना...सड़क पर परछाइयों का घूमना...आदि. सोशियोलॉजिस्ट डेनिस एंड मिशेल वासकुल ने साल 2016 में एक किताब लिखी. किताब का नाम था Ghostly Encounters: The Hauntings of Everyday Life. इसमें कई लोगों के द्वारा भूतों के अनुभव पर कहानियां थीं. (फोटोः गेटी)

  • 11/18

लोग अपने हिसाब से भूतों को नाम देते हैं, जैसे- पोल्टरजिस्ट्स (Poltergeists) डरने वाला भूत, रेसीड्यूल हॉटिंग्स (Residual Hauntings) अवशिष्ट भूतिया, इंटेलिजेंट स्पिरिट्स (Intelligent Spirits) बुद्धिमान आत्माएं और शैडो पीपुल (Shadow People) यानी परछाइयों की तरह दिखने वाले लोग. इन नामों से ऐसा लगता है कि इंसानों ने भूतों की कई प्रजातियां बना दी हैं. जिनकी कोई तय संख्या नहीं है. ये अलग-अलग इंसान के हिसाब से बनती-बिगड़ती रहती हैं. (फोटोः गेटी)

  • 12/18

विज्ञान की भाषा में जब भूतों के बारे में सोचा जाता है तो सबसे पहले ये बात सामने आती है कि क्या ये वस्तु हैं या नहीं? यानी क्या ये ठोस पदार्थ के बीच में से निकल सकते हैं, बिना उन्हें बिगाड़े. या वो दरवाजों को खुद खोल या बंद कर सकते हैं. या एक कमरे से कोई चीज दूसरी जगह पर फेंक सकते हैं. इन चीजों को लेकर कई विवाद हैं. अगर तार्किक तौर पर फिजिक्स के फॉर्मूले से देखें तो सवाल उठता है कि अगर भूत इंसानी आत्माएं हैं तो वो कपड़ों में क्यों दिखती हैं. उनके हाथों में डंडे, टोपी और कपड़ें क्यों रहते हैं. (फोटोः गेटी)

  • 13/18

जिन लोगों की हत्या हो जाती है, कई बार उनकी आत्माएं बदला लेने के लिए किसी को माध्यम बनाकर मामले की जांच करवाती हैं. हत्यारें की पहचान करवाती हैं. लेकिन ये सच है या नहीं .... इसपर सवाल बने हुए हैं. क्योंकि भूतों को लेकर कोई तार्किक वजह नहीं है. भूतों को पकड़ने या मारने वाले यानी घोस्ट हंटर्स (Ghost Hunters) अलग-अलग तरीके अपनाते हैं. ताकि भूतों, आत्माओं की मौजूदगी का पता कर सके. ज्यादातर तरीके वैज्ञानिक होते हैं. भूतों को देखने और उनकी मौजूदगी जांचने के लिए अत्याधुनिक मशीनों का सहारा लिया जाता है. (फोटोः गेटी)
 

  • 14/18

वर्तमान में वैज्ञानिकों का मानना है कि फिलहाल ऐसी कोई तकनीक है ही नहीं जिससे भूतों की मौजूदगी या उनके आकार, व्यवहार का पता किया जा सके. लेकिन सवाल ये भी उठता है कि अक्सर लोगों के फोटोग्राफ्स या वीडियो में पीछे से भागते, मुस्कुराते, झांकते, डरते भूत दिख जाते हैं. इनकी रिकॉर्डिंग्स हैं लोगों के पास और वैज्ञानिकों के पास भी. इनकी आवाजों की रिकॉर्डिंग्स भी लोगों के पास हैं. अगर भूत होते हैं तो वैज्ञानिकों को इनकी जांच करने के लिए पुख्ता सबूत की जरूरत है, जो फिलहाल नहीं है. (फोटोः गेटी)

  • 15/18

महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने भूतों की मौजूदगी पर आधुनिक फिजिक्स की एक थ्योरी दी थी. ये था थर्मोडायनेमिक्स का पहला नियम. यानी ऊर्जा न तो बनाई जा सकती है, न ही बिगाड़ी जा सकती है. ये सिर्फ अपना स्वरूप बदल सकती है. इसलिए शरीर से निकलने वाली ऊर्जा का क्या होता है? क्या शरीर से निकलने वाली ऊर्जा अपना स्वरूप बदलती है? क्या मरने के बाद शरीर की ऊर्जा खत्म हो जाती है. ये कहीं और चली जाती है. या फिर अपना स्वरूप बदलकर भूत बन जाती है. (फोटोः गेटी)

  • 16/18

इसके लिए आपको अल्बर्ट आइंस्टीन की किसी जटिल थ्योरी पर जाने की जरूरत नहीं है. इसका जवाब एकदम सामान्य है. आपके शरीर के मरने के बाद उसकी ऊर्जा ठीक उसी जगह जाती है, जहां पर अन्य जीवों के शरीर की ऊर्जा मरने के बाद निकलती है. वह जगह है आपके आसपास का पर्यावरण. यह ऊर्जा हीटा (Heat) के रूप में निकल जाती है. शरीर उन जानवरों का खाना बन जाती है, जो इन्हें खाना चाहते हैं. क्योंकि ज्यादातर जीवों के शरीर को मरने के बाद यूं ही छोड़ दिया जाता है. उनका अंतिम संस्कार नहीं होता, वो कीड़े-मकौड़े, मृत शरीर खाने वाले जीवों और पेड़-पौधों का भोजन बन जाते हैं. (फोटोः गेटी)

  • 17/18

ऐसी कोई शारीरिक ऊर्जा नहीं है जो मरने के बाद सर्वाइव कर जाए या फिर वह आपके शरीर में रहे. इसे कोई भी भूत पकड़ने वाला ओझा, तांत्रिक या घोस्ट हंटर न देख सकता है, न रोक सकता है. ऐसे लोग खुद को सुपरनेचुरल मान लेते हैं. ये जानबूझकर ऐसा ड्रामा करते हैं कि जैसे इन्होंने भूतों को देखा हो या उसे पकड़ लिया हो. क्योंकि किसी शरीर से निकलने वाली ऊर्जा इस ब्रह्मांड में इतनी छोटी और कम मात्रा में होती है कि वो पकड़ में नहीं आती. ऐसी ऊर्जाओं की हमारे पर्यावरण में कमी नहीं है. (फोटोः गेटी)

  • 18/18

भूत असल में होते हैं या नहीं. ये सिर्फ ऊर्जा होते हैं या फिर कुछ और, इसे लेकर वैज्ञानिक तौर पर कुछ भी नहीं खोजा गया है. इनके लिए नियंत्रित माहौल में प्रयोग करने की जरूरत है. लेकिन उन लोगों के मदद की जरुरत नहीं है जो खुद को घोस्ट हंटर, ओझा, तांत्रिक कहकर लोगों को बेवकूफ बनाते हैं. लाखों तस्वीरों, वीडियो और ऑडियो होने के बावजूद आज तक घोस्ट हंटर्स इन्हें पकड़ या देख क्यों नहीं पाए. इसके पीछे दो वजह हो सकती है- पहली ... कि भूत होते नहीं है. ये सिर्फ लोगों के दिमाग का वहम है. दूसरा ये कि भूत होते हैं लेकिन हमारे पास वैज्ञानिक तौर-तरीके नहीं हैं, जो इनकी मौजूदगी को पुख्ता कर सके. (फोटोः गेटी)

Advertisement
Advertisement