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साइंस न्यूज़

434 दिन बाद अंतरिक्ष से लौटा अमेरिका का सीक्रेट मिलिट्री प्लेन

आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 11 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 11:20 AM IST
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अमेरिकी सरकार का सीक्रेट अंतरिक्ष विमान एक्स-37बी 434 दिनों के मिशन के बाद पृथ्वी पर वापस लौट आया है. इसके मिशन के विवरण अभी भी गुप्त हैं, लेकिन अमेरिकी स्पेस फोर्स इसे एक्स-37बी कार्यक्रम में एक नए और रोमांचक अध्याय की शुरुआत के रूप में देख रहा है. (फोटोः रॉयटर्स)

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स्पेस फोर्स के प्रमुख जनरल चांस साल्टज़मैन ने कहा कि मिशन 7 ने एक्स-37बी की क्षमता को प्रदर्शित किया कि वह विभिन्न कक्षाओं में अपने परीक्षण और प्रयोगात्मक उद्देश्यों को आसानी से पूरा कर सकता है. इस प्लेन के नाम से पूरी दुनिया खौफ में आ जाती है. 

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इसकी लॉन्चिंग SpaceX के फॉल्कन हैवी रॉकेट से होती है. लॉन्चिंग के लिए नासा के फ्लोरिडा स्थित केनेडी स्पेस सेंटर का इस्तेमाल होता है. पिछली बार यह प्लेन अंतरिक्ष में 908 दिन बिताकर कैनेडी स्पेस सेंटर पर 12 नवंबर 2022 को उतरा था. पहली बार किसी रोबोटिक प्लेन ने अंतरिक्ष में 908 दिन बिताए थे. यह एक रिकॉर्ड था.

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बोइंग (Boeing) के बनाए गए इस अंतरिक्ष विमान ने नए मिशन पर एक सर्विस मॉड्यूल चलाया था, जो अमेरिकी स्पेस फोर्स के X-37B प्रोग्राम के लिए पहला मॉड्यूल था. X-37B नासा के रिटायर हो चुके स्पेस शटल की तरह दिखता है, लेकिन यह बहुत छोटा है. यह केवल 29 फीट लंबा है, जबकी स्पेस शटल 122 फीट लंबा था और इसमें पायलट भी था. यही इन दोनों का सबसे बड़ा फर्क था, क्योंकि X-37B मानवरहित रोबोटिक यान है.

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माना जाता है कि अमेरिकी स्पेस फोर्स के पास दो X-37B वाहन हैं, जो दोनों बोइंग ने बनाए हैं. अब तक इन दोनों ने 6 ऑर्बिट मिशन पूरे किए हैं. इन मिशन को OTV (Orbital Test Vehicle) भी कहा जाता है. 

अब तक के मिशन 

OTV-1: 22 अप्रैल 2010 को लॉन्च किया गया और 3 दिसंबर 2010 तक चला था (224 दिन). 
OTV-2: 5 मार्च 2011 से 16 जून 2012 तक चला (468 दिन). 
OTV-3: 11 दिसंबर 2012 से 17 अक्टूबर 2014 तक चला (674 दिन). 
OTV-4: 20 मई 2015 से 7 मई 2015 तक चला (718 दिन).
OTV-5: सितंबर 7, 2017 से अक्टूबर 27, 2019 तक चला (780 दिन). 
OTV-6: 17 मई, 2020 से 12 नवंबर, 2022 तक चला (908 दिन).
 

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स्पेस फोर्स और बोइंग, X-37B को मुख्य रूप से एक टेस्टिंग प्लैटफॉर्म मानते हैं. इस वाहन की मदद से शोधकर्ता यह देख पाते हैं कि अंतरिक्ष में पेलोड कैसे काम करते हैं और फिर बाद में जमीन पर उनकी जांच की जाती है. स्पेस फोर्स ने इस वाहन की कक्षा के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. न ही इस मिशन के बारे में बताया है, इसलिए इसे स्पेस फोर्स का रहस्यमयी मिशन कहा जा रहा है.

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