
जलवायु परिवर्तन की वजह से पृथ्वी गर्म हो रही है और इसका सीधा असर हर प्राकृतिक चीज पर पड़ रहा है. कहीं मौसम के समय में बदलाव हो रहा है, कहीं बारिश हो रही है, तो कहीं सूखा पड़ा रहा है. पशु-पक्षियों पर भी असर देखा जा रहा है. हाल ही में किए गए शोध से पता चलता है कि उत्तरी अमेरिका (North America) के प्रवासी पक्षी आकार में छोटे होते जा रहे हैं,
कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी, लॉस एंजिल्स (UCLA) के शोधकर्ताओं ने उत्तरी अमेरिका के प्रवासी पक्षियों की 105 एवियन प्रजातियों के वयस्क नर पक्षियों के, 30 से ज्यादा सालों के डेटा की जांच की. नेचर इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन (Nature Ecology and Evolution) जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, उन्होंने पाया कि 1989 और 2018 के बीच पक्षियों के शरीर के द्रव्यमान में औसतन करीब 0.6% की कमी आई है.
शोध के मुख्य लेखक केसी यंगफ्लेश (Casey Youngflesh) का कहना है कि जिस प्रजाति में सबसे ज्यादा बदलाव हुआ है वह है ट्री स्वालो (Tree swallow -Tachycineta bicolor). अपने आकर्षक इंद्रधनुषी नीले पंखों के लिए जाने जाने वाले इस पक्षी के शरीर के द्रव्यमान में करीब 3% की गिरावट आई है. इस शोध में मॉनिटरिंग एवियन प्रोडक्टिविटी एंड सर्वाइवरशिप प्रोग्राम (एमएपीएस), के डेटा को इस्तेमाल किया गया है, जो इंस्टीट्यूट फॉर बर्ड पॉपुलेशन का हिस्सा है.
लेकिन सवाल यह है कि ये पक्षी सिकुड़ क्यों रहे हैं. और वह भी इतने कम समय में? तो इसका जवाब भी वैज्ञानिकों ने दे दिया है. वे इन सबके लिए जलवायु परिवर्तन को ही जिम्मेदार बता रहे हैं और पक्षी उसके अनुसार आदत डाल रहे हैं.
शोध के मुताबिक, छोटे शरीर वाले पक्षियों के शरीर का सरफेस एरिया वॉल्यूम रेशियो बड़ा होता है, इसलिए वे खुद को ठंडा रखने के लिए कम ऊर्जा खर्च करते हैं. जबकि तुलनात्मक रूप से, बड़े शरीर वाले पक्षी गर्मी को बेहतर तरीके से संरक्षित कर सकते हैं. वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि उत्तरी अमेरिका के पक्षियों का आकार काफी हद तक इस बात पर भी निर्भर करता है कि वह कहां रहते है.
इसके विपरीत, जहां कुछ प्रजातियां के पक्षियों का आकार छोटा हो रहा है, उनके पंख भी अनियमित हो गए हैं, यानी उनके शरीर के हिसाब से उनके पंख बड़े होने लगे हैं. यह उन पक्षियों में ज्यादा देखा जा रहा है जो ज्यादा ऊंचाई पर रहते हैं.
यंगफ्लेश का कहना है कि ज्यादा ऊंचाई पर सांस लेना मुश्किल होता है, क्योंकि वहां वायु कण कम होते हैं, जिससे हवा पतली हो जाती है. पक्षियों के लिए, ज्यादा ऊंचाई पर पतली हवा से उन्हें कम उड़ान मिलती है. उन्होंने हेलीकॉप्टर का उदाहरण देकर समझाया कि पायलट कम लिफ्ट की वजह से बहुत ज्यादा ऊंचाई पर उड़ान नहीं भर पाते.
हालांकि यंगफ्लेश का कहना है कि शरीर के आकार में यह बदलाव उत्तरी अमेरिका के प्रवासी पक्षियों की सभी प्रजातियों में नहीं हो रहे हैं. उनका कहना है कि पक्षियों के आकार और आकृति के लिए कई और कारक भई जिम्मेदार होते हैं जैसे कि वे कहां रहते हैं. अगर ऊंचाई पर या पहाड़ पर जाएं तो वहां आमतौर पर ठंड होती है. वहां पक्षी असल में छोटे होते हैं.