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CWG 2022: भारत के लिए UK क्यों है खास? इस वजह से बर्मिंघम में आएंगे ढेरों मेडल!

22वें कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए भारतीय खिलाड़ी तैयार हैं. इस बार कुल 215 खिलाड़ी 19 खेलों की 141 स्पर्धाओं में जोर आजमाते दिखेंगे. बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स का उद्घाटन 28 जुलाई को होगा.

CWG 2022: Boxer Lovlina Borgohain and Nikhat Zareen (PTI) CWG 2022: Boxer Lovlina Borgohain and Nikhat Zareen (PTI)
aajtak.in
  • बर्मिंघम,
  • 27 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 12:40 PM IST
  • इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स बर्मिंघम में
  • गुरुवार को CWG 2022 का होगा उद्घाटन

CWG 2022: कॉमनवेल्थ गेम्स के उद्घाटन में अब कुछ ही घंटे बचे हैं. बर्मिंघम में 28 जुलाई से शुरू होने वाले इन खेलों में भारतीय खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है. 22वें कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग को शामिल नहीं किए जाने के बावजूद भारतीय खिलाड़ी यहां पदकों की होड़ में खुद को आगे रखने में कामयाब रह सकते हैं. भारत के कुल 215 खिलाड़ी 19 खेलों की 141 स्पर्धाओं में जोर आजमाते दिखेंगे.

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दरअसल, कॉमनवेल्थ गेम्स (राष्ट्रमंडल खेल) का आयोजन जब भी ब्रिटिश धरती (United Kingdom) पर किया गया, भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया. आंकड़ों पर गौर करें तो भारत ने अब तक ब्रिटिश धरती पर 5 बार कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लिया है. 2014 में ग्लास्गो 2014 को छोड़कर उसने हर बार अपने पिछले प्रदर्शन से बेहतर नतीजे हासिल किए.

भारत ने पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में 1934 में हिस्सा लिया था, जिनका आयोजन लंदन में किया गया था. भारत ने तब केवल दो खेलों एथलेटिक्स और कुश्ती में हिस्सा लिया. पहलवान राशिद अनवर ने 74 किग्रा में कांस्य पदक जीतकर भारत को इन खेलों का पहला पदक दिलाया था.

ब्रिटिश धरती पर भारत का अब तक ऐसा प्रदर्शन

वेल्स के कार्डिफ में 1958 में हुए खेलों में भारत पहली बार दो स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहा था, भारत को यह स्वर्ण पदक फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह और पहलवान लीला राम ने दिलाए थे. पहलवान लक्ष्मी कांत पांडे ने रजत पदक जीता था. भारत इससे पहले सिडनी (1938) और वेंकूवर (1954) में कोई पदक नहीं जीत पाया था.

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इसके बाद ब्रिटेन में 1970 में स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन किया गया, जिसमें भारत ने 12 पदक जीते थे, इनमें पांच स्वर्ण पदक शामिल हैं, भारत ने अपने पांचों स्वर्ण और तीनों रजत पदक कुश्ती में जीते थे. भारत की तरफ से तब पहलवान वेद प्रकाश, सुदेश कुमार, उदय चंद, मुख्तियार सिंह और हरिश्चंद्र बिराजदार ने सोने के तमगे हासिल किए थे.

एडिनबर्ग में ही 1986 में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन किया गया था जिनमें भारत ने हिस्सा नहीं लिया था. इसके बाद मैनचेस्टर में 2002 में ब्रिटिश धरती पर राष्ट्रमंडल खेल खेले गए और भारत ने तब अपना उस समय तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था.

मैनचेस्टर 2002 में भारत को मिले थे 69 पदक

मैनचेस्टर 2002 में भारत 30 स्वर्ण पदक सहित कुल 69 पदक जीतने में सफल रहा था. भारत ने तब ऑस्ट्रेलिया, मेजबान इंग्लैंड और कनाडा के बाद चौथा स्थान हासिल किया था.

भारत ने मैनचेस्टर में 14 स्वर्ण पदक निशानेबाजी में जीते थे, लेकिन बर्मिंघम 2022 में इस खेल को शामिल नहीं किया गया है, जिसका भारत को सबसे अधिक नुकसान होगा. मैनचेस्टर में ही भारतीय महिला हॉकी टीम ने फाइनल में इंग्लैंड को 3-2 से हराकर सोने का तमगा जीतकर इतिहास रचा था.

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भारत ने पहली बार 2010 में नई दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की थी, जिसमें उसने 38 स्वर्ण पदक सहित 101 पदक जीते थे लेकिन इसके चार साल बाद ग्लासगो खेलों में वह इस प्रदर्शन को दोहराने में नाकाम रहा था.

ग्लास्गो 2014 में भारत ने 15 स्वर्ण पदक सहित 64 पदक अपने नाम किए थे और वह पांचवें स्थान पर रहा था. भारत ने तब कुश्ती में पांच, निशानेबाजी में चार, भारोत्तोलन में तीन तथा बैडमिंटन, एथलेटिक्स और स्क्वॉश में एक-एक स्वर्ण पदक हासिल किया था.

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