फिटनेस की समस्याओं से जूझ रही भारतीय क्रिकेट टीम की अनुभवहीन गेंदबाजी का फायदा उठाते हुए ऑस्ट्रेलिया ने ब्रिस्बेन में खेले जा रहे निर्णायक चौथे टेस्ट मैच के पहले दिन 5 विकेट पर 274 रन बना लिये.
इस मैच में कंगारू बल्लेबाज मार्नस लाबुशेन ने शानदार शतक जमाया. ऑस्ट्रेलिया ने लाबुशेन के 108 रनों की मदद से मैच में वापसी की. ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 93 रन पर 4 विकेट होता, अगर अजिंक्य रहाणे ने गली में फील्डिंग के दौरान मार्नस लाबुशेन का आसान सा कैच नहीं टपकाया होता.
मार्नस लाबुशेन उस समय 37 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे. अगर अजिंक्य रहाणे ने कैच पकड़ लिया होगा तो लाबुशेन शतक नहीं जमा पाते. जीवनदान मिलने के बाद लाबुशेन ने शतक लगाया और मैथ्यू वेड के साथ मिलकर 113 रनों की पार्टनरशिप भी की.
भारतीय टीम को एक और झटका लगा, जब ग्रोइन में दर्द के कारण तेज गेंदबाज नवदीप सैनी मैदान से चले गए. उन्हें स्कैन के लिए ले जाया गया.
ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर और मार्कस हैरिस पहले ही सत्र में पवेलियन लौट गए. 2018 में अपने पहले टेस्ट में दस गेंदें डालने का अनुभव रखने वाले शार्दुल ठाकुर और कुल 3 टेस्ट का अनुभव रखने वाले भारतीय गेंदबाजी आक्रमण ने निराश नहीं किया.
वॉर्नर पूरी तरह फिट नहीं थे और क्रीज पर सहज भी नहीं दिखे. वह एक रन बनाकर सिराज की गेंद पर रोहित शर्मा को कैच दे बैठे. रोहित ने अपने दाहिने ओर डाइव लगाकर यह कैच लपका.
वेस्टइंडीज के खिलाफ 2018 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करके महज 10 गेंदें डाल सके शार्दुल ने आउटस्विंग पर हैरिस (5) को चकमा दिया और वह स्क्वॉयर लेग में वॉशिंगटन सुंदर को कैच देकर पवेलियन लौटे.
टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने वाले ऑफ स्पिनर वॉशिंगटन सुंदर ने स्टीव स्मिथ (36) के रूप में बड़ा विकेट लिया, जिन्होंने शॉर्ट मिडविकेट पर रोहित शर्मा को कैच थमाया, स्मिथ और लाबुशेन ने 70 रनों की साझेदारी की थी. भारतीय टीम के लिए सुंदर के साथ नटराजन ने भी टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था.
टी नटराजन ने मैथ्यू वेड (87 गेंद में 45 रन) और लाबुशेन को लगातार दो ओवरों में पवेलियन भेजा. इसके साथ ही उन्होंने दोनों के बीच 113 रनों की साझेदारी भी तोड़ी. वेड ने शार्दुल ठाकुर को कैच थमाया, जबकि लाबुशेन विकेट के पीछे कैच देकर लौटे.
पहले दिन का खेल समाप्त होने पर कप्तान टिम पेन 38 और कैमरन ग्रीन 28 रन बनाकर खेल रहे थे. दोनों ने छठे विकेट के लिए 61 रनों की अटूट साझेदारी कर ली है. आखिरी सत्र में भारतीय टीम को एक गेंदबाज की कमी खली, जिसका मेजबान बल्लेबाजों ने फायदा उठाया.