जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान ततेंदा टैबु ने कहा है कि महेंद्र सिंह धोनी के पास विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी की अलग तकनीक है, लेकिन उनका आंख-हाथ का संयोजन और मानसिक ताकत उन्हें वो बनाती है जो वो हैं.
ततेंदा टैबु ने कहा, 'पहली बार जब मैंने धोनी को देखा था, अगर मैं ईमानदारी से कहूं तो. वह इंडिया-ए की टीम से खेल रहे थे. मुझे लगा था कि दिनेश कार्तिक, धोनी से ज्यादा नैसर्गिक खिलाड़ी थे. और कीपिंग में वो ज्यादा स्वाभाविक हैं. बल्लेबाजी में भी वो ज्यादा स्वाभाविक हैं.'
ततेंदा टैबु ने कहा, 'धोनी जिस तरह से अपने हाथ रखते हैं वो अलग है, वे अपने हाथ एक साथ नहीं रखते हैं, जैसे रखे जाते हैं, दोनों छोटी उंगलियां चिपकाकर. जब वो गेंद को पकड़ते हैं तो उनके हाथ हमेशा ऐसे नहीं रहते.' टैबु ने कहा, 'लेकिन धोनी हमेशा गेंद को पकड़ने में और तेजी से अपने पास लाने में सफल होते हैं जो एक अलग तकनीक है. जो काफी अलग.'
पूर्व विकेटकीपर ने कहा, 'यही बात उनकी बल्लेबाजी में भी लागू होती है. उनकी अलग तकनीक है, उनके आंख-हाथ का संयोजन शानदार है, लेकिन मुझे लगता है कि सिर्फ आंख-हाथ का संयोजन नहीं, बल्कि उनकी मानसिक ताकत भी है.'
जिम्बाब्वे के पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि ट्रेनिंग कैसे करनी है इसे लेकर उन्होंने भारत के महान बल्लेबाजों सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ से काफी कुछ सीखा है.