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बेदी की खरी-खरी, BCCI में 'नियंत्रण' तानाशाही जैसा, इसे हटा दें

कहा- खिलाड़ी बीसीसीआई के लिए नहीं, बल्कि भारत के लिए खेल रहे हैं.

विराट कोहली और बिशन सिंह बेदी विराट कोहली और बिशन सिंह बेदी
विश्व मोहन मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 2:42 PM IST

बीसीसीआई के धुर विरोधी रहे भारत के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी ने बोर्ड के साथ लगे 'नियंत्रण' शब्द पर आपत्ति जाहिर की है. उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड से नियंत्रण शब्द हटा देना चाहिए, क्योंकि यह तानाशाही का सूचक है. बेदी ने कहा,‘ भारतीय टीम जर्सी पर भारत का लोगो (तिरंगा) पहनती है,  बीसीसीआई का लोगो नहीं. मेरी सोच एकदम स्पष्ट है. खिलाड़ी बीसीसीआई के लिए नहीं, बल्कि भारत के लिए खेल रहे हैं. न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न है. इंग्लैंड का अपना है. पाकिस्तान और बांग्लादेश भी अपना राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न पहनते हैं.’ उन्होंने कहा ,‘इसलिए नाम भारतीय क्रिकेट बोर्ड या क्रिकेट बोर्ड होना चाहिए.’

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बेदी बोले- PAK से नहीं खेलकर क्रिकेट का राजनीतिकरण क्यों

बेदी ने डीडीसीए के सालाना सम्मेलन से इतर बातचीत के दौरान भारत-पाक क्रिकेट को लेकर भी अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट संबंधों का राजनीतिकरण करके किसी को ‘देशभक्ति की परिभाषा संकुचित नहीं करनी चाहिए. भारत सरकार ने 2012 में भारत में सीरीज के बाद से भारत-पाक द्विपक्षीय क्रिकेट को मंजूरी नहीं दी है. इसके बाद से दोनों देशों का सामना सिर्फ आईसीसी टूर्नामेंटों में हुआ है.

देशभक्ति की परिभाषा इतनी संकुचित नहीं की जानी चाहिए

बेदी ने कहा,‘क्रिकेट का राजनीतिकरण क्यों. क्या क्रिकेट नहीं खेलकर आतंकवाद का सफाया हो गया. क्रिकेट एक-दूसरे के करीब आने का जरिया है.’ यह पूछने पर कि क्या मौजूदा परिदृश्य में देशभक्ति के मायने पाकिस्तान विरोधी होना ही हो गया है , बेदी ने कहा ,‘यह सही नहीं है. यदि मैं पाकिस्तान के साथ क्रिकेट सीरीज की मांग कर रहा हूं तो मैं कोई भारत विरोधी बात नहीं कर रहा. देशभक्ति की परिभाषा इतनी संकुचित नहीं की जानी चाहिए.’

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श्रीलंका के खिलाफ मौजूदा सीरीज के औचित्व पर भी सवाल

बेदी ने श्रीलंका के खिलाफ मौजूदा सीरीज जैसी सीरीज के औचित्य पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा ,‘इस सीरीज से हमें क्या हासिल हो रहा है. हम बार-बार बस उनके खिलाफ खेल रहे हैं. उन्हें उनकी धरती पर हराने के बाद फिर यहां खेल रहे हैं. इसमें कोई मुकाबला ही नहीं है. कोई मायने नहीं है.’ उन्होंने कहा ,‘यह सीरीज नहीं होती, तो खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी खेलते. दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिये अभ्यास शिविर भी लग सकता था जिसके बारे में विराट कोहली बात कर रहे थे.’

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