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प्रदूषण के कारण नहीं हुए रणजी के दो मैच, खिलाड़ियों ने की आंखों में जलन की शिकायत

फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में शनिवार को बंगाल और गुजरात के बीच ग्रुप ए का लीग मैच, जबकि करनैल सिंह स्टेडियम में त्रिपुरा और हैदराबाद के बीच ग्रुप सी का मैच खेला जाना था, जो स्मॉग की वजह से नहीं हो सका. फिरोजशाह कोटला स्टेडियम और करनैल सिंह स्टेडियम में विजिबिलिटी बेहद कम है.

खिलाड़ियों को वार्मअप में हुई दिक्कत खिलाड़ियों को वार्मअप में हुई दिक्कत
अंजलि कर्मकार
  • नई दिल्ली,
  • 06 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 2:50 PM IST

जहरीले स्मॉग के कारण पूरी दिल्ली और आसपास के इलाके को अपनी चपेट में ले रखा है. इस स्मॉग से बच्चे-बूढे सब बेहाल हैं. राजधानी में छाए स्मॉग की वजह से दो रणजी मैचों का पहले दिन का खेल नहीं हो सका. रविवार करनैल सिंह स्टेडियम में त्रिपुरा और हैदराबाद के बीच मैच होना है. इसके लिए खिलाड़ी मास्क पहनकर स्टेडियम पहुंचे. खिलाड़ियों ने प्रदूषण की वजह से आंखों में जलन की शिकायत की है.

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बढ़ते प्रदूषण को लेकर रिपोर्ट में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. दिल्ली में प्रदूषण ने 17 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. आप सुनकर सन्नाटे में आ जाएंगे कि दिल्ली वालों के फेफड़े 40 सिगरेट के बराबर धुआं रोज़ सोख रहे हैं. फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में शनिवार को बंगाल और गुजरात के बीच ग्रुप ए का लीग मैच, जबकि करनैल सिंह स्टेडियम में त्रिपुरा और हैदराबाद के बीच ग्रुप सी का मैच खेला जाना था, जो स्मॉग की वजह से नहीं हो सका. फिरोजशाह कोटला स्टेडियम और करनैल सिंह स्टेडियम में विजिबिलिटी बेहद कम है.

खिलाड़ियों को वार्मअप में हुई दिक्कत
स्टेडियम में सुबह जब खिलाड़ी वार्मअप के लिए पहुंचे, तो उन्होंने मास्क लगा रखा था. खिलाड़ियों ने आंखों में जलन और सांस में दिक्कत की शिकायत की. बंगाल टीम के कैप्टन ने कहा कि ऐसा पहले कभी स्मॉग की वजह से नहीं हुआ.

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डीडीसीए ने जताई चिंता
डीडीसीए के एक अधिकारी ने बताया कि खिलाड़ियों में सांस लेने में तकलीक की शिकायत की. प्रदूषण को देखते हुए अगर आप अभी एक घंटे भी बाहर रहेंगे, तो आपको सांस लेने में परेशानी होगी, आंखों में जलन भी हो रही है. इसका सीधा असर सेहत पर पड़ रहा है. विजिबिलिटी कम होने की वजह से हम मैच भी नहीं करा पा रहे हैं.

एनजीटी ने लगाई दिल्ली सरकार को फटकार
बता दें, जानकार बताते हैं कि दिवाली पर पटाखों के प्रदूषण के साथ ही कचरे के सुलगते ढेर हवाओं को और जहरीला बना रहे हैं. पर्यावरण की फिक्र में एनजीटी ने सरकार को फटकार लगाई तो फौरन दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन भलस्वा पहुंच गए. सब लोग एनजीटी की फटकार के बाद मुआयने में जुट गए हैं. लेकिन इलाज किसी के पास नहीं है. जहरीले स्मॉग का असर दिल्ली के सीएम के दर तक है. लेकिन सीएम साहब जितना फिक्रमंद अपने ऊर्जा सचिव को हटाए जाने को लेकर हैं उतना स्मॉग पर नहीं दिखे.

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