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आजतक के ई - सलाम क्रिकेट के 'कैसे बनी रहेगी रफ्तार' सेशन में तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने मौजूदा क्रिकेट के हालात पर चर्चा की. सलाइवा बैन पर शमी ने कहा कि ये गेम को इफेक्ट करेगा क्योंकि पसीने से उतना फायदा नहीं होता है.
शमी ने कहा कि हम बचपन से बॉल पर सलाइवा लगाते हुए आए हैं. इस पर अचानक बैन से गेंदबाजी प्रभावित होगी. टेस्ट क्रिकेट पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा. शमी ने कहा कि अब तो सलाइवा पर सवाल से डर लगने लगा है, गेंदबाज रिवर्स स्विंग भूल जाएंगे, लेकिन आईसीसी, बीसीसीआई के जो नियम हैं, हमें उसी के मुताबिक क्रिकेट खेलना है.
उन्होंने कहा कि अब चुनौती ये है कि हम सलाइवा लगाने से खुद को रोके कैसे. ये आदत बचपन से शुमार है, लेकिन अब इससे बचना होगा, वरना जुर्माना लगेगा.
भारतीय टीम की गेंदबाजी के मौजूदा हालात पर शमी ने कहा कि पुरानी टीम और नई भारतीय टीम में काफी अंतर है. अब भारत के पास तेज गेंदबाज हैं, जो लगातार 140 की रफ्तार से गेंद फेंक सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पास 145 से रफ्तार की गेंदबाजी है. वहीं, पठान ने कहा कि अब टीम की फिटनेस पर काफी ध्यान दिया जा रहा है. अब ट्रेनिंग काफी अलग तरीके की होती है, खिलाड़ी ज्यादा फिट होते हैं.
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तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने कहा कि मैं अपने घर अमरोहा में हूं और अपने फॉर्म हाउस पर ही प्रैक्टिस कर रहा हूं. शमी ने कहा एक वक्त था जब मैं मुरादाबाद 30 किलोमीटर बस से प्रैक्टिस करने जाता था और आज मेरे पास अपना ग्राउंड है. इस मुकाम तक पहुंचना मेरे लिए बड़ी उपलब्धि है.
शमी ने कहा कि इस लॉकडाउन के दौरान लोगों की मदद करने का मौका मिला, जो सुकून पहुंचाता है. इस दौरान सुबह 6 बजे से रात 2 बजे तक शेड्यूल बिजी रहता था. हालांकि शाम 4 से 8 बजे तक मेरे प्रैक्टिस का टाइम होता है. इस टाइम पर मैं वर्क आउट और प्रैक्टिस पर ही फोकस करता हूं.
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कमेंट्री में भी काफी बदलाव आएगा...
वहीं, पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने कहा कि कमेंट्री में भी काफी बदलाव आएगा. पहले एक ही माइक से कई लोग कमेंट्री कर लेते थे लेकिन अब वो संभव नहीं हो पाएगा. क्योंकि व माइक होठों से टच होता है और इसलिए अब सभी कमेंटेटर्स को अलग-अलग माइक लेना होगा. कमेंट्री में कुछ नया शब्द खोजने पर इरफान ने कहा कि ओस (Dew) को मैं शबनम कहकर बुलाता हूं, आगे भी कुछ ऐसे शब्द कमेंट्री में लाने की कोशिश होगी.
पठान ने कहा कि सलाइवा बैन के बाद फ्लैट पिच बनाने की जरूरत नहीं है. पिच में नमी होनी चाहिए ताकि गेंदबाजों को भी मदद मिले. कई खिलाड़ियों को बहुत पसीना नहीं आता है, जैसे एलिस्टर कुक. ऐसे में टीम मैनेजमेंट को प्लेइंग इलेवन पर भी ध्यान देना होगा.