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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को सूचना के अधिकार (RTI) के तहत लाने की कोशिश शुरू हो गई है. विधि आयोग BCCI को सूचना के अधिकार के दायरे में लाने के लिए सिफारिश करने की संभावना पर विचार कर रहा है. BCCI भारत में क्रिकेट के लिए राष्ट्रीय शासकीय निकाय है.
भारतीय विधि आयोग (Law Commission of India) के सदस्यों को वितरित किए गए कामकाजी पत्र के मुताबिक BCCI को सरकार से कई तरह के अनुदान मिलते हैं. टैक्स में छूट भी मिलती है. साथ ही क्रिकेट के स्टेडियम के लिए जमीन खरीदने की दर को कम किया जाता है.
BCCI को साल 2007 तक 10 वर्षों की अवधि में 2,100 करोड़ रुपये की टैक्स की छूट मिल चुकी है. विधि आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रिपोर्ट को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है और कोई अंतिम राय नहीं बनी है, लेकिन कामकाजी पत्र में सभी ब्यौरों का उल्लेख किया गया है.
BCCI का गठन दिसंबर 1928 में किया गया था. यह राज्य क्रिकेट संघों का एक संघ है. राज्य संघ के प्रतिनिधि BCCI के अधिकारियों को चुनाव करते हैं. अभी तक BCCI को RTI के दायरे से बाहर रखा गया है.