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जैक कैलिस ने कहा- मुझे दक्षिण अफ्रीकी होने पर शर्म आ रही है

दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज क्रिकेटर जैक कैलिस ने सरकार की ओर से देश के खेल महासंघों पर लगाए गए प्रतिबंध को बेहद शर्मनाक बताते हुए कहा है कि उन्हें दक्षिण अफ्रीकी कहलाने में बेहद शर्म महसूस हो रही है.

सबा नाज़
  • नई दिल्ली,
  • 27 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 7:08 PM IST

दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज क्रिकेटर जैक कैलिस ने सरकार की ओर से देश के खेल महासंघों पर लगाए गए प्रतिबंध को बेहद शर्मनाक बताते हुए कहा है कि उन्हें दक्षिण अफ्रीकी कहलाने में बेहद शर्म महसूस हो रही है.

दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने देश के बड़े खेल महासंघों क्रिकेट, एथलेटिक्स, रग्बी और नेटबॉल में अश्वेत खिलाड़ियों को पर्याप्त मौका न दिए जाने का हवाला देते हुए इन महासंघों द्वारा किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की मेजबानी करने पर कम से कम एक साल का प्रतिबंध लगा दिया है. जिसके बाद अब ये महासंघ कम से कम एक वर्ष के लिए किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की न तो मेजबानी कर पाएंगे और न ही उसके लिए दावेदारी कर पाएंगे.

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सरकार के इस फैसले पर दुख और नाराजगी जताते हुए कैलिस ने ट्वीट में लिखा है कि सरकार का यह फैसला निराशाजनक है और अब मुझे दक्षिण अफ्रीकी कहलाने पर गर्व के बजाय शर्मिंदगी महसूस हो रही है. खेल में राजनीति शामिल होना दुर्भाग्यपूर्ण है.

गौरतलब हो कि सरकार देश के सबसे अधिक लोकप्रिय खेलों में ज्यादा से ज्यादा अश्वेत खिलाड़ियों की भागीदारी चाहती थी. लेकिन रंगभेद समाप्त होने के दो दशक से ज्यादा समय के बाद भी श्वेत खिलाड़ियों का ही एथलेटिक्स, क्रिकेट, नेटबॉल और रग्बी टीमों में बोलबाला है. सरकार ने अश्वेत खिलाड़ियों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व न मिलने का हवाला देते हुए इन महासंघों पर एक वर्ष का प्रतिबंध लगा दिया.

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