
टीम इंडिया के निदेशक रवि शास्त्री वर्ल्ड टी-20 से पहले हर संभावित टीम कॉम्बिनेशन आजमाना चाहते हैं. उनका मानना है कि इससे वर्ल्ड कप के लिए सर्वश्रेष्ठ टीम का चयन किया जा सकेगा. गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में ही 3-0 से टी-20 सीरीज हराने के तुरंत बाद ही टीम इंडिया अपने घरेलू मैदान पर श्रीलंका के खिलाफ पहला टी-20 मैच हार गई जिससे रांची में खेले जाने वाले मुकाबले में उसे जीत हासिल करनी ही होगी अन्यथा वो नंबर एक की रैंकिंग गंवा देगी.
रवि शास्त्री ने श्रीलंका के खिलाफ शुक्रवार को होने वाले दूसरे अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच से पहले उन्होंने कहा, ‘अच्छा तो यह होगा कि वर्ल्ड कप के लिए चुने गए सभी खिलाड़ियों को वर्ल्ड कप से पहले खेलने का मौका दिया जाए. हमारी यही कोशिश होगी, लेकिन मैच की परिस्थितियों को भी देखना होगा कि सीरीज में हमारी स्थिति कैसी है और उसके अनुसार ही हम टीम के बारे में निर्णय लेंगे.’
पुणे में हुए पहले मैच के दौरान घासयुक्त पिच पर भारतीय बल्लेबाजों को श्रीलंका के तेज गेंदबाजों ने खासा परेशान किया. पदार्पण मैच खेलने वाले कासुन रजिता ने अपनी तेजी, स्विंग और मूवमेंट से धुरंधर बल्लेबाजों को हैरत में डाल दिया और शीर्ष तीन बल्लेबाजों को सस्ते में पवेलियन की राह दिखा दी.
पिच खराब है तो बोलने से क्या डरना
शास्त्री ने पहले मैच के बाद पिच पर धोनी की नाखुशी का समर्थन करते हुए कहा कि पिच कैसी है यह कहने में डरना क्यों?
शास्त्री ने कहा, ‘अगर पिच अच्छी हुई तो हम उसे अच्छी ही कहेंगे. अगर पिच अच्छा खेलती है तो हम कहेंगे कि पिच अच्छा खेल रही है. हमें जैसा लगेगा वह कहने में डर कैसा? यह बिल्कुल स्पष्ट है कि पिच के कारण हम पिछला मैच हारे और हमें खुद को उसके अनुकूल ढालना चाहिए था.’
उन्होंने कहा कि रांची के मैदान की भी आउटफील्ड बिलकुल सूखी है और इस पर काफी बालू नजर आ रही है. श्रीलंका के खिलाफ होने वाले टी20 के दूसरे मुकाबले से पहले झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (जेएससीए) के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में शास्त्री ने यह बात कही.शास्त्री से जब पूछा गया कि पुणे में पहले मैच में श्रीलंका के हाथों हुई बुरी हार के बाद कप्तान ने पिच की बुराई की, क्या आप उसे उचित मानते हैं, उन्होंने कहा, ‘अगर पिच ज्यादा खराब है तो हम बोलेंगे. बोलने में डरना क्या?’ पुणे की पिच के बारे में उन्होंने कहा, ‘साफ बात है, वहां की पिच ने कुछ ज्यादा ही किया. लेकिन पिच की आलोचना के पीछे हम अपनी असफलता नहीं छिपा सकते.’ उन्होंने कहा कि हमने पुणे के मैच से भी बहुत कुछ सीखा है लेकिन वहां की असफलता के पीछे एक बड़ा कारण था, कि हमें ऑस्ट्रेलिया से लौटने के बाद अपने को माहौल और वातावरण के लिए ढालने का समय नहीं मिला. लेकिन पुणे की पिच वैसी नहीं थी जैसी आम तौर पर भारत में मिलती है.
शास्त्री ने कहा, ‘पुणे में पिच गेंदबाजों के लिए उछाल भरी थी और भयानक थी. वहां खेलना आसान नहीं था.’ उन्होंने कहा, ‘जब आप ऑस्ट्रेलिया के लय से आते हो, आप देख सकते हैं कि बल्लेबाजों ने गलतियां कीं. लेकिन यह कोई बहाना नहीं है. आप को तत्काल माहौल के अनुसार ढलना ही होगा.’
शास्त्री ने कहा कि रांची के क्रिकेट मैदान को देखने से लगता है कि इसे ज्यादा पानी नहीं मिला है लेकिन यह च में कैसा व्यवहार करेगी, यह खेलने पर ही पता चलेगा. उन्होंने भारतीय टीम के खिलाड़ियों को भी ताकीद की कि उन्हें खेल के अनुरूप ढलना होगा क्योंकि पिच पर कुछ असामान्य उछाल मिल सकता है.
झारखंड राज्य क्रिकेट स्टेडियम के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी ने मैदान की आउटफील्ड अधिक सूखी होने के बारे में पूछे गये सवाल पर कहा, ‘हमें मैच के आयोजन के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला जिसके चलते कुछ कमी हो सकती है.’ उन्होंने दावा किया कि दिये गये समय में मैच के लिए सर्वोत्तम तैयारी की गई है.
पहले यह मैच दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में होना था लेकिन वहां के आयोजकों को मैच के आयोजन में तकनीकी परेशानी पेश आने की वजह से इसे आनन फानन में रांची स्थानांतरित किया गया.