
पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर रवि शास्त्री के नाम से कौन परिचित नहीं है. शास्त्री को हाल ही में भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने 2015 वर्ल्ड कप तक के लिए टीम का डायरेक्टर नियुक्त किया है. जिस रवि शास्त्री का टीम इंडिया को साथ मिल रहा है उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की धरती पर एक ऐसा रिकॉर्ड बना रखा है जो आज कई लोगों को याद भी नहीं होगा.
1991-92 में भारतीय टीम मोहम्मद अजहरुद्दीन के नेतृत्व में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने पहुंची. ब्रिसबेन और मेलबर्न के पहले दो टेस्ट टीम इंडिया बड़े अंतर से हार गई. तीसरा टेस्ट सिडनी में खेला गया. ऐसे में पहले बल्लेबाजी के लिए उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहली पारी में 313 रन बनाए. इस मैच को हारने की स्थिति में टीम पर सीरीज गंवाने का खतरा था. रवि शास्त्री ने नवजोत सिंह सिद्धू के साथ पारी का आगाज किया. सिद्धू बिना खाता खोले आउट हो गए. इसके बाद मांजरेकर आए और वो भी 34 रन बना कर लौट गए. टीम का स्कोर तब 86 रन था. रवि शास्त्री एक छोर पर टिके रहे और लगातार रन बनाते रहे. उन्होंने दिलीप वेंगसरकर के साथ 110 और सचिन तेंदुलकर के साथ 196 रनों की साझेदारी की. टीम का स्कोर 397 पर पहुंचा कर शास्त्री आउट हुए. लेकिन आउट होने से पहले उन्होंने शानदार 206 रन बनाए. यह ऑस्ट्रेलिया में किसी भी भारतीय बल्लेबाज का बनाया गया पहला दोहरा शतक था जो सदा के लिए रिकॉर्ड बुक से जुड़ गया.
इसके बाद टीम इंडिया ने पहली पारी में कुल 483 रन बनाए. जब ऑस्ट्रेलियाई टीम दूसरी पारी में बैटिंग करने उतरी तो रवि शास्त्री ने यहां अपनी बॉलिंग से उन्हें घुटने टेकने को मजबूर किया. पहली पारी में 170 रनों की बढ़त ले चुकी टीम इंडिया ने पांचवे दिन के अंत तक ऑस्ट्रेलियाई टीम के 8 विकेट 173 रनों पर निकाल लिए. ऑस्ट्रेलिया के इस स्कोर के लिए जिम्मेदार रवि शास्त्री ने 25 ओवरों में मार्क टेलर, डीन जोंस, इयान हिली समेत चार विकेट लिए. सिडनी में खेला गया वह टेस्ट ड्रॉ रहा और शास्त्री को उनके प्रदर्शन के लिए ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया. यह इस दौरे का एकमात्र ऐसा टेस्ट था जो ड्रॉ रहा. इसके बाद के दोनों टेस्ट भी टीम इंडिया हार गई और सीरीज 4-0 से हार कर लौटी.
शास्त्री का यह रिकॉर्ड इस मायने से भी बहुत महत्वपूर्ण है कि ऑस्ट्रेलिया में अब तक केवल तीन भारतीय बल्लेबाजों ने ही दोहरा शतक जड़ा है. शास्त्री के बाद राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर ही वहां दोहरा शतक लगाने में कामयाब हो सके. इतना ही नहीं ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों द्वारा लगाए गए शतकों की कुल संख्या भी केवल सात ही है.
शास्त्री फिलहाल टीम के साथ ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर हैं और बुधवार को उन्होंने दिवंगत ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर फिलिप ह्यूज के अंतिम संस्कार में भी भाग लिया. शास्त्री अपने इस रिकॉर्ड के साथ टीम इंडिया के इस दौरे पर क्या असर छोड़ते हैं ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन एक बात तो तय है कि नए प्लेयर्स को इससे प्रेरणा जरूर मिलेगी.