
टीम इंडिया में वापसी की राह देख रहे 30 साल के सुरेश रैना को एक बड़ा झटका लगा है. मौजूदा रणजी सत्र में उत्तर प्रदेश की कप्तानी संभाल रहे रैना को पहले ही मैच में बड़ी हार का सामना करना पड़ा. और हार भी ऐसी मिली कि आंकड़ों में दिलचस्पी रखने वालों के लिए यह मैच सुर्खियों में छा गया.
दरअसल, लखनऊ में इस रणजी सीजन के पहले मैच में यूपी का मुकाबला रेलवे से हुआ. ग्रुप-ए का यह चारदिवसीय मुकाबला तीन दिन में ही खत्म हो गया. अपने घरेलू मैच में यूपी को जीतने के लिए महज 94 रनों का टारगेट मिला था, लेकिन पूरी टीम 72 रनों पर सिमट गई. और रेलवे ने यह रोमांचक मुकाबला 21 रनों से जीत लिया.
रैना के व्यक्तिगत प्रदर्शन की बात करें, तो उन्होंने पहली पारी में 6 और दूसरी पारी में 29 रन बनाए. इससे पहले लखनऊ में ही दिलीप ट्रॉफी के फाइनल में इंडिया ब्लू की ओर से खेलते हुए रैना ने 1 ओर 45 रन बनाए थे. पिछली 6 पारियों में रैना के नाम एक ही अर्धशतक (52 रन) है.
भारतीय फर्स्ट क्लास क्रिकेट की बात की जाए, तो 125 साल में पहली बार कोई टीम 94 रनों का टारगेट हासिल नहीं कर पाई. इससे पहले 1892 (22-24 दिसंबर) में पारसीज टीम मुंबई में लॉर्ड हॉक्स सिलोन के खिलाफ 98 रनों का टारगेट नहीं पा सकी और 90 रनों पर सिमट गई थी.
वैसे 78 रनों का सबसे छोटा टारगेट नहीं हासिल कर पाने का रिकॉर्ड दिल्ली की नाम है. तब जमशेदपुर में दिल्ली की टीम 1949 (21-23 जनवरी) में बिहार के खिलाफ 78 रनों का टारगेट का पीछा करते हुए 48 रनों पर सिमट गई थी.
भारत में फर्स्ट क्लास क्रिकेट: सबसे छोटे टारगेट जो पाए नहीं जा सके
78 रन- दिल्ली विरुद्ध बिहार, 1949
94 रन- यूपी विरुद्ध रेलवे, 2017
98 रन- पारसीज विरुद्ध लॉर्ड हॉक्स XI, 1892