Advertisement

ऊपरवाला नहीं चाहता था चौथा वनडे भारत जीते, तभी तो हुआ ये सबकुछ उल्टा

दक्षिण अफ्रीका ने टीम इंडिया की शानदार जीत की लय को तोड़कर चौथे वनडे में फतह हासिल कर ली. पहले तो यह मैच बारिश की वजह से बार-बार बाधित हुआ, फिर कुछ ऐसे मौके थे, जो टीम इंडिया के खिलाफ गए.

विराट कोहली विराट कोहली
अमित कुमार दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 11 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 6:48 PM IST

दक्षिण अफ्रीका ने टीम इंडिया की शानदार जीत की लय को तोड़कर चौथे वनडे में फतह हासिल कर ली. पहले तो यह मैच बारिश की वजह से बार-बार बाधित हुआ, फिर कुछ ऐसे मौके थे, जो टीम इंडिया के खिलाफ गए. वैसे टीम इंडिया ने इस मैच को जीतकर सीरीज अपने नाम करने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी. लेकिन वक्त ने इस मैच में हमेशा साथ साउथ अफ्रीका का दिया.

Advertisement

हार्दिक पंड्या का कैच आसान नहीं था...

पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया एक समय काफी बेहतर स्थिति में थी. 2 विकेट पर टीम 178 रन बना चुकी थी. 34वें ओवर में बारिश के कारण खेल रोक दिया गया. मैच दोबारा शुरू हुआ तो भारत को लगातार कुछ रनों के अंतराल पर 3 झटके लगे. जिसके बाद 247 रनों पर भारत के 5 विकेट गिर गए. इसके बाद महेंद्र सिंह धोनी का साथ देने हार्दिक पंड्या आए. लेकिन पंड्या जब 9 रनों पर खेल रहे थे, उसी समय कागिसो रबाडा की एक तेज गेंद को उन्होंने खेला, लेकिन सामने खड़े एडेन मार्करम ने हवा में उछलते हुए इस मुश्किल कैच को पकड़ लिया. इस कैच को साल का सबसे बेस्ट कैच माना जा रहा है. जिस किसी ने भी ये कैच देखा, उसे आंखों पर भरोसा नहीं हुआ. लेकिन ये मैच के लिए अहम टर्निंग प्वाइंट था, अगर पंड्या क्रीज पर रहते तो स्कोर आसानी से 300 के पार जाता.

Advertisement

तीन हार औैर फिर बदल गई जर्सी का रंग

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चौथे वनडे मैच में पहले तीन मैचों के मुकाबले अफ्रीका दूसरे रंग में नजर आई. पिंक ड्रेस में उतरी अफ्रीकी टीम ने गेंदबाजी करते हुए चौथे मैच में भारतीय धुरंधरों पर कुछ हद तक लगाम लगाई. अपनी गेंदबाजी के अलावा कमाल के क्षेत्ररक्षण के सहारे बड़े स्कोर की ओर बढ़ रही विराट कोहली की टीम को 289 रनों पर रोक दिया. इसमें टीम की गेंदबाजी के साथ-साथ कमाल की फील्डिंग का भी बड़ा योगदान रहा. जिसमें एडेन मार्करम का हवा में उछलकर कैच पकड़ना अहम रहा.

मिलर पर ऊपरवाला था मेहरबान

शनिवार का दिन डेविड मिलर के लिए शानदार रहा, मिलर को दो बार जीवनदान मिले. मिलर को जीवनदान देना भारत को भारी पड़ा. एक बार डीप में उनका कैच छूटा तो दूसरी बार युजवेंद्र चहल की 'नो बॉल' गेंद पर वह बोल्ड हुए. वह उस समय क्रमश: 6 और सात रन पर थे. उन्होंने इन जीवनदान का फायदा उठाते हुए महज 28 गेंद में ताबड़तोड़ 39 रन बना डाले. मिलर ने जीवनदान का भरपूर फायदा उठाया और खेल का रूख ही बदल दिया. आमतौर पर स्पिनर नो बॉल नहीं फेंकते, लेकिन वक्त मिलर का साथ दे रहा था और उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की जीत में बड़ी भूमिका निभाई.

Advertisement

ये एक गलती भी टीम इंडिया को पड़ी भारी

कप्तान विराट कोहली द्वारा डेथ ओवरों में भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह के बजाय स्पिनरों से गेंदबाजी कराने का फैसला भी सबको हैरान किया. डेथ ओवरों में भुवनेश्वर और बुमराह से गेंदबाजी नहीं कराई गई जबकि कलाई के स्पिनर काफी रन गंवा रहे थे. डेथ ओवरों में बल्लेबाज ताबड़तोड़ रन बन रहे थे लेकिन कोहली स्पिनरों पर दांव लगाए बैठे थे. कोहली का यह फैसला हालांकि कारगर नहीं रहा क्योंकि स्पिन जोड़ी दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों को रोकने में असफल रही जिससे उन्होंने 11.3 ओवर में 119 रन लुटाये और महज तीन विकेट हासिल किए. ये एक फैसला इस मैच में कोहली के खिलाफ गया. शायद चौथे मैच तक पहुंचते-पहुंचते अफ्रीकी बल्लबाजों ने कुलदीप यादव और यजुवेंद्र चहल की तोड़ निकाल ली थी. बल्लबाजों को गेंद समझने में परेशानी नहीं हो रही थी.

हालांकि अभी दो मैच बचे हैं और अब भी भारत का पलड़ा भारी है. ऐसे में साख दांव पर अफ्रीकी टीम की लगी है. सीरीज में अभी भी भारत 3-1 से आगे है. शायद, इस हार से टीम इंडिया को कुछ सीख जरूर मिली होगी और अगले मैच वो बेहतर रणनीति के साथ उतरेगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement