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गांगुली ने दी थी वीरू को धमकी, ‘सीधा इंडिया भेज दूंगा, होटल भी नहीं जा पाएगा’

सौरव गांगुली अपने आक्रामक कप्तानी के लिए जाने जाते थे. एक बार उनके नेतृत्व में टीम वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर और युवराज सिंह जैसे विस्फोटक बल्लेबाजों से लैस होकर इंग्लैंड के दौरे पर थी. इसी दौरान उन्होंने वीरेंद्र सहवाग को इंग्लैंड के दौरे से वापस भारत भेजने की धमकी दी थी.

सौरव गांगुली और वीरेंद्र सहवाग सौरव गांगुली और वीरेंद्र सहवाग
अभिजीत श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली,
  • 08 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 8:19 PM IST

सौरव गांगुली अपने आक्रामक कप्तानी के लिए जाने जाते थे. एक बार उनके नेतृत्व में टीम वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर और युवराज सिंह जैसे विस्फोटक बल्लेबाजों से लैस होकर इंग्लैंड के दौरे पर थी. इसी दौरान उन्होंने वीरेंद्र सहवाग को इंग्लैंड के दौरे से वापस भारत भेजने की धमकी दी थी. वाक्या लॉर्ड्स पर 2002 में खेले गए नेटवेस्ट सीरीज के उस फाइनल मैच का है जिसमें इंग्लैंड ने कप्तान नासिर हुसैन और मार्क्स ट्रेस्कॉथिक की शतकों के बदौलत 325 रन बना लिए थे और कप्तान गांगुली वीरू के साथ ओपनिंग के लिए मैदान में जा रहे थे.

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गांगुली ने वीरू से कहा, ‘तीन फाइनल हार चुके हैं. 325 हो गया. ये फाइनल भी हाथ से निकल जाएगा और इंग्लैंड की गेंदबाजी बहुत अच्छी थी. फ्लिंटॉफ, हॉगार्ड, गफ, कैडिक. मैंने कहा कि लॉर्ड्स में 325 चेज करना आसान नहीं होगा.’

लेकिन वीरू तो अपनी ही धुन में थे और सीटी मारते हुए पिच पर जा रहे थे. इस पर गांगुली ने सहवाग से कहा, ‘तीन फाइनल हार चुके हैं और तू सीटी मारे जा रहा है. हम दोनों को ओपनिंग करना पड़ता है और रन बनाने पड़ते हैं.’ इस पर वीरू ने कहा, ‘आप चिंता मत करो हम ये मैच जीत रहे हैं.’ इस पर गांगुली ने कहा, ‘चल ठीक है बैटिंग करते हैं.’

गांगुली और सहवाग ने अच्छी शुरुआत की और टीम का औसत 6 रन प्रति ओवर चल रहा था तो कप्तान ने वीरू से कहा, ‘स्टार्ट अच्छी हुई है, अगर हम दोनों 20 ओवर्स तक खड़े हो जाते हैं तो 160 के आस पास स्कोर बन जाएगा और बाकी हम बना लेंगे क्योंकि विकेट अच्छी है. रॉनी ईरानी डालेगा उधर से तू ज्यादा मत मारना. एक ओवर में एक चौका मिला तो ठीक है. सिंगल लेकर हम सात-आठ बना लेंगे.’

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इस पर वीरू ने कहा, ‘डोंट वरी.’

इसके बाद गांगुली नॉन स्ट्राइकर ऐंड पर खड़े थे और ईरानी ने पहला बॉल हाफ वॉली पर डाला तो वीरू ने उस पर कवर ड्रॉइव शॉट लगाया और गेंद बाउंड्री के पार चौके के लिए चली गई. बॉल हाफ वॉली पर थी इसलिए गांगुली ने कुछ कहा नहीं. गांगुली ने तब वीरू को वेल प्लेड कहा. अगली गेंद मिडिल स्टंप पर थी. वीरू ने बैठ कर स्वीप पर बाउंड्री मार दिया. गांगुली ने तुरंत ही वीरू से कहा कि देख आठ रन बन गए हैं अब संभल कर खेल. लेकिन तीसरी गेंद पर वीरू फिर स्वीप शॉट मारने गए लेकिन बॉल ऑफ स्टंप से बाहर थी तो स्लिप में खेल दिया. एक बार फिर चौका.

अब गांगुली ने वीरू से कहा, ‘तू सीधा तो खेल ले.’

इसके बाद अगली ही गेंद जो मिडिल स्टंप पर थी उस पर वीरू ने फ्लिक किया और गेंद स्कवॉयर लेग के ऊपर से बाउंड्री के लिए चली गई. अब तो गांगुली का धैर्य टूट गया. उन्होंने उसके बाद वीरू की ओर देखा ही नहीं और उससे गुस्से में कहा, ‘तुझे जो करना है वो कर लेकिन अगर आउट हो गया तो लॉर्ड्स से सीधा इंडिया भेज दूंगा, तू होटल भी नहीं जा पाएगा.’

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सहवाग और गांगुली ने पहले विकेट के लिए 106 रनों की साझेदारी की. सहवाग ने 49 गेंदों पर 45 जबकि गांगुली ने 43 गेंदों पर 60 रन बनाए. इसके बाद लगातार टीम इंडिया का विकेट गिरने लगा. एक वक्त स्कोर पांच विकेट के नुकसान पर 146 रन था. यहां से युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ ने ऐतिहासिक पारी खेली और भारत अंततः 8 विकेट के नुकसान पर तीन गेंद शेष रहते ही रिकॉर्ड 326 रन बनाने में कामयाब रहा. मोहम्मद कैफ को उनकी यादगार 87 रनों की पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया. यह वही मैच है जिसमें लॉर्ड्स की बॉलकनी से कप्तान सौरव गांगुली ने अपना टीशर्ट खोलकर लहराया था.

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