
जिम्बाब्वे टूर के लिए टीम इंडिया के कोच नियुक्त किए गए पूर्व क्रिकेटर संजय बांगड़ ने कहा कि युवा क्रिकेटरों के लिए यह अपनी क्षमता साबित करने का अच्छा मौका है. कमजोर मानी जाने वाली नई नवेली इस टीम की बागडोर बेहद अनुभवी और टीम के सफलतम कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के हाथों में है.
भारत और रेलवे के पूर्व आलराउंडर संजय बांगड़ को पिछले महीने दौरे के लिए भारतीय कोच नियुक्त किया गया था. टीम को 11 जून से शुरू हो रहे दौरे पर तीन वनडे और इतने ही टी20 मैच खेलने हैं. बांगड़ ने बीसीसीआई.टीवी से कहा, ‘मैं बेहद रोमांचिक हूं और इस बड़े सम्मान के लिए बीसीसीआई को धन्यवाद देना चाहता हूं. यह युवा खिलाड़ियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण दौरा है. यह उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को परखने का आदर्श मौका देगा. यह नये सत्र की शुरुआत है और यह उन्हें छाप छोड़ने और भारतीय टीम में दावेदारी पेश करने का मौका देगा. भारत ने 2013 और 2015 के अपने पिछले दो दौरों पर मेजबान टीम का वाइटवाश किया था जिसमें अधिकांश युवा खिलाड़ी थे.’
संजय बांगड़ ने कहा, ‘जब हम जिम्बाब्वे पहुंचेंगे तो कुछ चीजें महत्वपूर्ण होगी. व्यक्तिगत खिलाड़ियों के मजबूत पक्ष की जानकारी, वे किस क्रम पर खेलेंगे, उनसे हम क्या उम्मीद करते है और इसके बाद टीम संयोजन को देखते हुए उन्हें रणनीति में फिट करना अहम है.’ उन्होंने कहा, ‘हमें पता है कि वे क्या कर सकते हैं और टीम के कॉम्बिनेशन में कैसे उनके मजबूत पक्षों का बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जाए. उनमें से काफी ने जिम्बाब्वे में नहीं खेला है और इतने कम समय में हालात से सामंजस्य बैठाना बड़ी चुनौती होगी.’
जिम्बाब्वे की पिच के हालात के बारे में पूछने पर बांगड़ ने कहा, ‘यह काफी अधिक रन बनने वाली पिच तो नहीं है. फिलहाल वहां सर्दियां आने वाली हैं और इस साल हम कूकाबूरा गेंदों से खेलेंगे. पिछले साल हम ड्यूक गेंदों से खेले थे. ड्यूक गेंद से कूकाबूरा की तुलना में अधिक मदद मिलती है.’
गौरतलब है कि भारत अपने सभी मैच हरारे स्पोर्ट्स क्लब में खेलेगा.