भारत के पूर्व मध्यम गति के तेज गेंदबाज बलविंदर सिंह संधू का आज (3 अगस्त) 64वां जन्मदिन है. बलविंदर सिंह संधू 1983 की वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे हैं.
वेस्टइंडीज के खिलाफ 1983 वर्ल्ड कप फाइनल में बलविंदर सिंह संधू के करिश्माई ब्रेकथ्रू ने ऐसा पासा पलटा कि कपिल देव की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने लॉर्ड्स के मैदान पर इतिहास रच दिया.
बलविंदर सिंह संधू ने 37 साल पहले वेस्टइंडीज के खिलाफ वर्ल्ड कप फाइनल में कैरेबियाई टीम के धुरंधर ओपनर गॉर्डन ग्रीनिज (1 रन) को बोल्ड कर भारत को पहली सफलता दिलाई थी. दरअसल, उस मैच में भारत को शुरुआती ब्रेकथ्रू की जरूरत थी, जिसे संधू ने पूरा किया और यहीं से मैच का पासा पलट गया.
इस मैच में भारत को शुरुआती ब्रेकथ्रू की बहुत जरूरत थी, क्योंकि वेस्टइंडीज के सामने सिर्फ 184 रनों का छोटा सा लक्ष्य था और मैच किसी भी दिशा में जा सकता था.
बलविंदर सिंह संधू के इन-स्विंगर से अनजान ग्रीनिज वर्ल्ड कप के दौरान दूसरी बार उनके शिकार बने थे. दोनों ही बार संधू ने ग्रीनिज को बोल्ड किया.
बलविंदर सिंह संधू ने फाइनल में इंडीज की पारी की शुरुआत खराब कर दी. वर्ल्ड कप के दौरान संधू ने हालांकि 8 मैच में सिर्फ 8 विकेट ही चटकाए, लेकिन हैरतअंगेज यह है कि उन्होंने जिस मैच में ब्रकेथ्रू दिलाया, भारतीय टीम ने वह मैच जीता. ऐसा भारत की रणनीति में भी शामिल था कि संधू ब्रेकथ्रू के लिए खेलें.
वेस्टइंडीज के खिलाफ वर्ल्ड कप फाइनल की बात करें, तो भारत ने 183 रनों के छोटे स्कोर का बचाव कर लिया. मोहिंदर अमरनाथ, कपिल देव और अन्य गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन के दम पर वेस्टइंडीज को भारत ने 140 रनों पर ढेर कर पहली बार वर्ल्ड कप जीता, जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया.
वेस्टइंडीज पर भारत ने फाइनल में 43 रनों से हैरतअंगेज जीत दर्ज कर पहली बार वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया. पिछले दोनों वर्ल्ड कप में खराब प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम के इस चमत्कारिक जीत से क्रिकेट की दुनिया में तहलका मच गया था.