कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से अपील की थी कि वे सभी रविवार 5 अप्रैल को रात नौ बजे अपने घर की सभी लाइटें बंद कर दें और नौ मिनट के लिए हाथों में दीयें, मोमबत्ती या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर अपने घरों के दरवाजों या बालकनी में खड़े होकर कोरोना के खिलाफ भारत की जंग में एकजुटता दिखाएं.
भारत में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इस लड़ाई में सभी देशवासियों की एकजुटता जरूरी है. लेकिन कुछ लोगों ने प्रधानमंत्री की अपील के उलट काम किया.
रविवार 5 अप्रैल को कुछ लोगों ने इसके उलट काम किया और पटाखे जलाने शुरू कर दिए. लोगों के पटाखे जलाने की वजह से टीम इंडिया के पूर्व ओपनर गौतम गंभीर काफी नाराज हुए.
बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने ट्वीट करते हुए कहा, 'भारत, अंदर रहें! हम अब भी जंग के बीच हैं, यह पटाखे जलाने का मौका नहीं है.'
बता दें कि भारत में कोरोना वायरस के मरोजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
भारत में अब तक 4000 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं.
भारत में कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले लोगों का आंकड़ा 100 के पार पहुंच गया है. इस मुश्किल वक्त में लोगों के पटाखे जलाने से कई लोग नाराज हुए हैं.
भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने ट्वीट किया, 'मैं इस बात से हैरान हूं कि इन लोगों ने पटाखे कहां से खरीदे और कब खरीदे... ये भी एक महत्वपूर्ण सवाल है.'
टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान को भी ये ठीक नहीं लगा और उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'सब कुछ सही था जब तक पटाखे नहीं जलाए गए.'
मशहूर कवि कुमार विश्वास ने लिखा- 'ये तो हद्द है. हो क्या रहा है? कब सुधरेंगें? मेरी कॉलोनी में लोग सड़क पर पटाखे फोड़ रहे हैं! हम हर विपदा का प्रहसन क्यों बना देते हैं? कोरोना योद्धाओं के लिए कृतज्ञता का दीपक हथेली पर लिए, बालकनी से पटाखे न चलाने के लिए पड़ोसियों पर चिल्लाता मैं अकेला क्यों हूं?'