6 साल पहले आज ही के दिन लॉर्ड्स के मैदान पर महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने इतिहास रच दिया था. 21 जुलाई 2014 को तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने अपनी शॉर्ट पिच गेंदों के कहर से इंग्लैंड की बल्लेबाजी को तहस-नहस करके भारत को लॉर्ड्स टेस्ट में 95 रनों से शानदार जीत दिलाई थी.
1986 के बाद ये पहला मौका था जब लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर भारत को जीत मिली थी. इस जीत के हीरो ईशांत शर्मा रहे. ईशांत की कहर बरपाती गेंदों का मेजबान इंग्लैंड टीम के बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं था. ईशांत ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 74 रन देकर सात विकेट लिए और 319 रनों के लक्ष्य का पीछा करने के लिए उतरी इंग्लैंड की टीम को पांचवें दिन दूसरे सत्र में ही 88.2 ओवर में 223 रन पर ढेर कर दिया.
ईशांत की घातक गेंदबाजी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता था कि दूसरी पारी में उन्होंने इंग्लैंड के 7 बल्लेबाजों को अपना शिकार बना डाला. ईशांत को उनकी बेहतरीन गेंदबाजी के लिए 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया, जो लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर टीम इंडिया की पिछले 28 वर्षों में पहली जीत के नायक रहे थे.
मैच के पांचवें दिन इंग्लैंड को जीत के लिए जहां 214 रनों की दरकार थी, वहीं भारत को जीत के लिए छह विकेट चाहिए थे. मैच के पांचवें दिन भारत को जीत के लिए वांछित छह विकेटों में से ईशांत ने अकेले पांच विकेट चटकाए, जबकि जेम्स एंडरसन को अपनी ही गेंद पर रन आउट कर रविंद्र जडेजा ने इंग्लैंड की पारी 88.2 ओवरों में कुल 223 रनों पर समेट दी.
भारत ने इंग्लैंड को चौथी पारी में जीत के लिए रिकॉर्ड 319 रनों का लक्ष्य दिया था. भारत ने पहली पारी में 295 रन और दूसरी पारी में 342 रन बनाए थे, जिसके जवाब में इंग्लैंड पहली पारी में 319 बनाए थे.
21 जुलाई 2014 को मैच के आखिरी दिन पहले सत्र में मोइन अली (39) और जो रूट (66) के बीच पांचवें विकेट के लिए 101 रनों की साझेदारी ने भारत की चिंता बढ़ा दी थी. ईशांत ने मोइन के रूप में विकेट चटकाने के बाद मैच में जबरदस्त वापसी करते हुए करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और भारत को लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर 1986 के बाद पहली जीत दिला दी.
लॉर्ड्स में यह पहला मौका था जब भारत के किसी गेंदबाज ने पारी में सात विकेट हासिल किए थे. भारत के लिए पहली पारी में अजिंक्य रहाणे (103) ने शतकीय योगदान दिया था, जबकि भुवनेश्वर ने 36 रनों की अहम पारी खेली थी. भुवनेश्वर ने दूसरी पारी में भी 52 रनों की बेहतरीन अर्धशतकीय पारी खेली थी.
दूसरी पारी में भारत की ओर से मुरली विजय ने सबसे अधिक 95 रनों का योगदान दिया था. इसके अलावा रवींद्र जडेजा ने 68 रन बनाए थे. जडेजा और भुवनेश्वर कुमार ने आठवें विकेट के लिए अहम 99 रन जोड़े. इंग्लैंड की पहली पारी में गैरी बैलेंस (110) और लियाम प्लंकेट (नाबाद 55) ने अहम योगदान दिया था.