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IPL 2020 को हरी झंडी मिलते ही बहिष्कार की धमकी, ये है वजह

तरुण वर्मा
  • 03 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 9:14 AM IST
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आईपीएल में चाइनीज मोबाइल कंपनी की स्पॉन्सरशिप जारी रखने के फैसले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने नाराजगी जाहिर की है. मंच ने कहा है कि अगर चाइनीज मोबाइल कंपनी से आईपीएल का नाता नहीं टूटा तो फिर संगठन आयोजन के बहिष्कार की अपील करेगा.

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देशभक्त नागरिकों के जरिए देश में आईपीएल के खिलाफ अभियान चलेगा. स्वदेशी जागरण मंच ने गुस्से का इजहार करते हुए कहा है कि जब पूरी दुनिया चाइनीज कंपनियों का बहिष्कार कर रही है, तब आईपीएल उन्हें पनाह दे रहा है.

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स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा, 'चीन के हमले में भारतीय सैनिकों के मारे जाने के बाद से देश में चाइनीज सामानों और कंपनियों के बहिष्कार का अभियान चल रहा है, पूरे देश की भावनाएं चीन के खिलाफ हैं. ऐसी दशा में आईपीएल के आयोजकों ने चाइनीज मोबाइल कंपनी को प्रायोजक बनाए रखने का फैसला किया है. यह आईपीएल का बिजनेस चलाने वालों की असंवेदनशीलता को दर्शाता है. अगर फैसले पर विचार नहीं हुआ तो फिर हमारे पास आईपीएल का बहिष्कार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा.'

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अश्विनी महाजन ने कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) एक व्यवसाय है. इस व्यवसाय को चलाने वाले लोग देश और इसकी सुरक्षा चिंताओं के प्रति असंवेदनशील हैं. जब पूरी दुनिया चाइनीज कंपनियों का बहिष्कार कर रही है, तब आईपीएल उन्हें पनाह दे रहा है. उन्हें समझना चाहिए कि कुछ भी राष्ट्र से ऊपर नहीं है, यहां तक कि क्रिकेट भी नहीं.

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स्वदेशी जागरण मंच ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, 'यह जानकर हैरानी हुई है कि इंडियन प्रीमियर लीग ने चाइनीज मोबाइल कंपनी की स्पॉन्सरशिप में आयोजन जारी रखने का फैसला किया है. आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने चीन के सबसे जघन्य कृत्य से शहीद हुए सैनिकों के प्रति अपमान प्रकट किया है.

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अश्विनी महाजन ने कहा कि ऐसे समय में जब अपने बाजार को चीनी प्रभुत्व से मुक्त करने के लिए समूचा देश कड़ी मेहनत कर रहा है, सरकार भी चाइनीज कंपनियों को बाहर करने को लेकर हर कदम उठा रही है, चाहे चीनी निवेश को रोकने की बात हो या फिर चीनी कंपनियों को इंफ्रास्ट्रक्चर और टेलीकॉम सेक्टर के टेंडर से दूर रखने की कोशिशें. ऐसे में आईपीएल का यह कृत्य न केवल देश की मनोदशा पर चोट है, बल्कि यह देश की सुरक्षा और आर्थिक चिंताओं का पूरी तरह से अनादर दिखाता है.

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अश्विनी महाजन ने कहा, 'हम आईपीएल आयोजकों से आग्रह करते हैं कि वे चीनी कंपनी को अपने प्रायोजक के रूप में अनुमति देने के फैसले पर पुनर्विचार करें. ऐसा न होने पर हम देशभक्त नागरिकों को आईपीएल का बहिष्कार करने के लिए प्रेरित करेंगे. याद रखें कि राष्ट्र की सुरक्षा और गरिमा से ऊपर कुछ भी नहीं है, क्रिकेट भी नहीं.'

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