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खेल

गंभीर-कोहली का झगड़ा रोकने उतरा था ये क्रिकेटर, अब लिया संन्यास

तरुण वर्मा
  • 29 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 3:46 PM IST
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IPL 2013 सीजन में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच मैच के दौरान विराट कोहली और गौतम गंभीर का झगड़ा आज भी हर क्रिकेट फैन को याद हैं. दो आक्रामक कप्तानों के बीच झड़प पैदा होती देख रजत भाटिया ने मामला शांत करने के लिए दखल दिया था.

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डोमेस्टिक क्रिकेट में रजत भाटिया दिल्ली के लिए विराट कोहली और गौतम गंभीर के साथ भी खेल चुके हैं. रजत भाटिया ने बुधवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया और इसी के साथ अपने 20 साल के करियर को अलविदा कह दिया. भाटिया ने कहा, 'मैंने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने का फैसला किया है. मैंने बीसीसीआई को और डीडीसीए को मेल भेजकर इस बात की जानकारी दे दी है.'

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रजत भाटिया ने अपना आखिरी मैच ढाका प्रीमियर डिविजन क्रिकेट लीग में मोहम्मदेन स्पोर्टिंग क्लब के लिए 2018-19 में खेला था. भाटिया ने कहा, 'मैं सितंबर 2019 में संन्यास लेने वाला था, क्योंकि मैं पिछले साल घरेलू क्रिकेट नहीं खेल रहा था, लेकिन मैंने सोचा कि मैं बांग्लादेश में पेशेवर क्रिकेट खेल रहा हूं तो थोड़ा इंतजार कर सकता हूं, लेकिन फिर चीजें बदलीं और मुझे पता चला कि वह अब और कोई पेशेवर खिलाड़ी नहीं ले रहे हैं.'

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रजत भाटिया ने कहा, 'इसलिए मुझे लगा कि यह संन्यास लेने का सबसे सही समय है, क्योंकि यह मेरे लिए विशेष दिन है, आज मेरी बेटी का जन्मदिन है. इसलिए मैंने फैसला किया कि मैं उस दिन यह फैसला लेता हूं जिसे मैं याद रख सकूं.'

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दिल्ली के रहने वाले भाटिया ने आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए भी खेला था, लेकिन वह गौतम गंभीर की कप्तानी वाली कोलकाता नाइट राइडर्स का अहम हिस्सा रहे.

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लंबे समय तक घरेलू क्रिकेट खेलने के बाद भी वह कभी भी राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं बना सके. भाटिया से जब अपने करियर के सबसे विशेष पल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'निजी तौर पर मैं हमेशा आईपीएल में सचिन तेंदुलकर का विकेट लेना याद रखूंगा.'

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भविष्य की रणनीति के बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मैं बायोमैकेनिक विशेषज्ञ की ट्रेनिंग कर रहा हूं, मैं बीते तीन साल से यह कोर्स कर रहा हूं. मैंने इस तरह की ट्रेनिंग में निवेश इसलिए किया क्योंकि यह अलग तरह की है. मुझे लगता है कि यह करनी चाहिए क्योंकि यह हर खेल से जुड़ी हुई है और मैं क्रिकेट को कुछ वापस देना चाहता हूं.'

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भाटिया ने साफ कहा कि वह कोच नहीं बनना चाहते, लेकिन मौका मिला तो वह युवा खिलाड़ियों के साथ अपना अनुभव साझा करना चाहेंगे.

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