पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने पाकिस्तान के खिलाफ 2011 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मैच को याद किया है. नेहरा ने कहा, 'वीरेंद्र सहवाग ने जिस तरह पाकिस्तान के खिलाफ टीम इंडिया को ताबड़तोड़ शुरुआत दी थी, एक समय लगा कि भारत 350 रन बनाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और टीम इंडिया 90 रन पीछे थी.'
नेहरा ने कहा, 'फिर भी टीम इंडिया ने बेहतरीन वापसी करते हुए 260 रनों का बचाव अच्छे तरीके से कर लिया. जब आप वर्ल्ड कप की बात करते हैं तो यह भारत-पाकिस्तान हो, भारत-इंग्लैंड हो या फिर और कोई टीम हो, दबाव रहता ही है. सेमीफाइनल जैसे मैच में ही आपका असली टेस्ट होता है.'
इसके जवाब में भारतीय गेंदबाजों ने इस छोटे टारगेट का बचाव करते हुए 49.5 ओवर में पाकिस्तान की टीम को 231 रन पर ढेर कर दिया. भारत ने 29 रनों से मैच जीतकर फाइनल में जगह बना ली.
इस मैच में भारत ने पाकिस्तान को 261 रनों का टारगेट दिया. सचिन तेंदुलकर ने 115 गेंदों में 11 चौकों की मदद से 85 रन बनाए. गौतम गंभीर ने 27, विराट कोहली ने 9, एमएस धोनी ने 25 और सुरेश रैना 36 रन बनाकर नाबाद रहे. सचिन तेंदुलकर को 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया.
आशीष नेहरा ने पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में सचिन तेंदुलकर की 85 रनों की पारी को भी याद किया. आशीष नेहरा ने माना कि यह सचिन तेंदुलकर की 'ढीली' पारी थी और सचिन भी जानते थे कि वह इस पारी के दौरान कितने भाग्यशाली रहे थे.
बता दें कि 2011 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मैच में पाकिस्तान के खिलाड़ियों ने 27, 45, 70 और 81 रन पर सचिन तेंदुलकर का छोड़ा था. इस तरह 85 रनों पर आउट होने से पहले सचिन के चार बार कैच छोड़े गए.
आशीष नेहरा ने द ग्रेटेस्ट राइवलरी पॉडकास्ट में कहा, 'यह कहने की जरूरत नहीं है कि सचिन ने कैसी पारी खेली थी, यहां तक कि सचिन खुद भी जानते हैं कि वह उस मैच में कितने भाग्यशाली थे.'
नेहरा ने कहा, 'आप देखेंगे कि जब भी सचिन 40 रन पर पहुंचते हैं तो कैच छूटते हैं या अंपायर का खराब फैसला उनके पक्ष में जाता है, लेकिन इतने ज्यादा मौके किसी को नहीं मिलते.'