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खेल

इंग्लैंड को हराया, AUS को डराया, टीम इंडिया ने दादागीरी से तहलका मचाया

तरुण वर्मा
  • 08 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 10:34 AM IST
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वर्ल्ड क्रिकेट में भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का आज (8 जुलाई) 48वां जन्मदिन है. सौरव गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने दुनिया भर में अपनी धाक जमाई. टीम इंडिया ने विदेशों में अपना लोहा मनवाया. गांगुली ने वर्ल्ड क्रिकेट में अपनी दादागीरी दिखाई.

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लॉर्ड्स के मैदान पर गांगुली की इस दहाड़ को भला कौन भूल सकता है. 13 जुलाई 2002 को नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में इंग्लैंड को हराने के बाद गांगुली ने लॉर्ड्स की बालकनी में टी-शर्ट उतारकर लहराई थी. भारत ने इंग्लैंड के रखे गए 326 रनों के लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल किया था और ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी.

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गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया ने वर्ल्ड क्रिकेट की सबसे ताकतवर टीम ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में ही अपने तेवर दिखाए. भारत ने 2003-04 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज 1-1 से बराबर की थी. उस वक्त ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक टेस्ट मैच में भी जीत हासिल करना भी बहुत बड़ी बात थी. इस तरह टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसके ही घर में कड़ी टक्कर देते हुए डरा दिया था.

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साल 2000 में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद सचिन ने टीम इंडिया की कप्तानी को अलविदा कह दिया था. इसके बाद चयनसमिति ने गांगुली को नया कप्तान नियुक्त किया था. सौरव गांगुली ने 49 टेस्ट और 147 वनडे मैचों में भारत की कप्तानी की.

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गांगुली ने टीम को ऐसे मुकाम पर पहुंचाया जो देश ही नहीं, बल्कि देश के बाहर भी जीतना जानती थी. गांगुली की कप्तानी में ही टीम इंडिया 1983 के बाद 2003 में वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंची. गांगुली ने 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज के दौरान क्रिकेट को अलविदा कह दिया था. वर्तमान में वह BCCI के अध्यक्ष हैं.

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गांगुली की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम चैम्पियंस ट्रॉफी 2001 (श्रीलंका) और 2003 वर्ल्ड कप (दक्षिण अफ्रीका) के फाइनल में पहुंची. इसके अलावा भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ 2002 में नेट वेस्ट सीरीज जीती.

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सौरव गांगुली की कप्तानी में भारत ने 21 टेस्ट जीते. 1996 में लॉर्ड्स टेस्ट से अपना इंटरनेशनल करियर शुरू करने वाले सौरव गांगुली ने डेब्यू टेस्ट में सेंचुरी जड़ी थी. सौरव गांगुली ने इंग्लैंड के खिलाफ अपने पहले ही टेस्ट में शतक जड़कर अपने टेस्ट करियर जोरदार आगाज किया था.

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गांगुली वनडे क्रिकेट में सबसे तेज 6,000 रन पूरा करने के मामले में पांचवें नंबर पर हैं. इस लिस्ट में सबसे ऊपर साउथ अफ्रीकी दिग्गज हाशिम अमला हैं. अमला ने 123 पारियों में यह कारनामा किया. गांगुली ने 147 वनडे पारियों में 6,000 रन पूरे किए.

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गांगुली वनडे क्रिकेट में सबसे तेज 10,000 रन पूरे करने के मामले में तीसरे नंबर पर हैं. गांगुली ने 10000 वनडे रन तक पहुंचने के लिए 263 वनडे पारियां खेलीं. गांगुली से आगे उनके हमवतन और महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर तथा विराट कोहली हैं. सचिन ने 259 तो कोहली ने 205 पारियों में यह कारनामा किया.

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वनडे क्रिकेट में सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर के नाम सबसे ज्यादा रनों की साझेदारी करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज है. इन दोनों ने 176 वनडे पारियों में 8227 रनों की साझेदारी की है. इस दौरान दोनों के बीच 26 शतकीय और 29 अर्धशतकीय साझेदारियां हुई. यह वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ पाना फिलहाल बहुत मुश्किल नजर आता है.

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सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ के नाम वनडे की चौथी सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड दर्ज है. दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 318 रनों की साझेदारी की थी. उनसे ऊपर क्रिस गेल-मार्लोन सैमुअल्स (372 रन), जॉन कैम्पबेल-शाई होप (365 रन), और सचिन तेंदुलकर-राहुल द्रविड़ (331 रन) ही हैं.

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वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा छक्का जड़ने वालों की लिस्ट में दादा दसवें नंबर पर हैं. शाहिद आफरीदी (351), क्रिस गेल (331), सनथ जयसूर्या (270), रोहित शर्मा (244), महेंद्र सिंह धोनी (229), इयोन मॉर्गन (211), एबी डिविलियर्स (204), ब्रेंडन मैकलम (200), सचिन तेंदुलकर (195) के बाद सौरव गांगुली (190) छक्कों के साथ दसवें नंबर पर हैं.

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वनडे में सौरव गांगुली को 31 बार 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया है. एक कैलेंडर ईयर में सबसे ज्यादा वनडे रनों के मामले में गांगुली दूसरे नंबर पर हैं. उनसे ऊपर सचिन तेंदुलकर हैं. तेंदुलकर ने 1998 कैलेंडर ईयर में 1894 रन बनाए तो वहीं गांगुली ने 1999 कैलेंडर ईयर में 1767 रन बनाए. तीसरे नंबर पर राहुल द्रविड़ (1999) 1761 रनों के साथ मौजूद हैं.

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बाएं हाथ के स्टाइलिश बल्लेबाज सौरव गांगुली ने अपने करियर में 113 टेस्ट मैचों में 42.17 की औसत से 7212 रन बनाए, जिनमें 16 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं. वहीं 311 वनडे मैचों में उन्होंने 41.02 की औसत से 11363 रन बनाए, जिनमें 22 शतक और 72 अर्धशतक शामिल हैं.

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