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'शायद' सिंधू देश को ओलंपिक गोल्ड तक पहुंचाने वाली पहली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी: गोयल

'आज तक' से खास बातीचत में खेल मंत्री विजय गोयल ने जहां एक ओर अपने साथ किसी विवाद के जुड़े होने को खारिज किया, वहीं ख‍िलाड़ि‍यों को उनकी सफलता पर बधाई भी दी.

खेल मंत्री विजय गोयल खेल मंत्री विजय गोयल
अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 19 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 8:37 PM IST

विजय गोयल मोदी सरकार में खेल मंत्री हैं. उनकी खुशनसीबी है कि उनके विभाग संभालते ही रियो ओलंपिक की शुरुआत हुई. देश का मान बढ़ाने खिलाड़ियों के साथ वह भी रियो पहुंचे. लेकिन खेल दूर रह गया और खेल मंत्री को लेकर विवाद हुआ. नतीजा, गोयल को वतन वापसी करनी पड़ी. दिलचस्प यह भी कि वह जब तक रियो में रहे, देश से मेडल दूर था.

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'आज तक' से खास बातीचत में खेल मंत्री विजय गोयल ने जहां एक ओर अपने साथ किसी विवाद के जुड़े होने को खारिज किया, वहीं ख‍िलाड़ि‍यों को उनकी सफलता पर बधाई भी दी. लेकिन मजेदार बात यह है कि बतौर खेल मंत्री उन्होंने इस सवाल का जवाब 'शायद' में दिया कि सिंधू पहली महिला खि‍लाड़ी हैं, जो देश को बैडमिंटन में ओलंपिक गोल्ड तक पहुंचा सकी हैं.

पढ़ें, खेल मंत्री से बातचीत के प्रमुख अंश-

सवाल- एक मेडल तो हरियाणा की बेटी साक्षी मलिक ने जीत लिया है. दूसरा मेडल भी पक्का है पीवी सिंधू का. कैसे देखते हैं इन उपलब्धियों को?

विजय गोयल- पीवी सिंधू दूसरी महिला हैं, जिन्होंने देश का गौरव बढ़ाया है. बैडमिंटन के अंदर इतनी ऊंचाइयों पर पहुंची हैं. शायद वह देश की पहली बैडमिंटन महिला प्लेयर हैं, जो सिल्वर या गोल्ड लेंगी. मैं बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं. मैं सोचता हूं कि जितनी उनकी भूमिका है उतनी ही भूमिका उनके कोच गोपीचंद की भी है. उम्मीद करता हूं कि शुक्रवार शाम के मैच में हमें गोल्ड मिलेगा.

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सवाल- साक्षी मलिक ने भी पहला पदक हासिल किया. बड़ी उपलब्धि रही उनकी?

विजय गोयल- साक्षी मलिक ने जो मेहनत कि लाजवाब है और हरियाणा की महिला रेसलर इस ऊंचाइयों तक पहुंचेगी, यह हमें देखकर बहुत गर्व होता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बात जरूर कही. जिस समय पदक नहीं आ रहे थे, उन्होंने कहा कि पदक की बात नहीं है. खेल का सबसे बेहतर प्रदर्शन आप करें. मैं समझता हूं कि इससे भी खिलाड़ियों को उत्साह मिला और हम जीतने की ओर बढ़े हैं. पीवी सिंधू ने 8 साल की उम्र से तैयारी शुरू की थी. 56 किलोमीटर तक सफर करती थीं, अपना प्रैक्टि‍स करने के लिए. खुद खि‍लाड़ि‍यों की फैमिली से रही हैं. उनके पिता अर्जुन अवॉर्डी और वॉलीबॉल के अंदर रहे. उनकी मेहनत और कॉन्फिडेंस का नतीजा है, जो मैं देखता हूं.

सवाल- खबर यह भी आई कि नरसिंह यादव नहीं खेल पाएंगे. 4 साल तक बैन लग गया है. तमाम विवाद हुए, सवाल उठाया उसने कि साजिश हुई है?

विजय गोयल- अभी हमें आधिकारिक तौर पर इसकी सूचना नहीं मिली है. एक बार आधिकारिक तौर पर सूचना आ जाए और वह भी बाडा की कोर्ट में है. एंटी डोपिंग एजेंसी थी. उसने तो उनको क्लियर कर दिया था. बाडा की कोर्ट में मुकदमा था, जो बाडा कोर्ट तय करेगी वही होगा.

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सवाल- आप रियो में गए और विवाद हो गया. उस वक्त कोई मेडल नहीं मिला था. इस वक्त मेडल जीते हैं. उस समय सवाल पूछे जाने लगे कि क्या भारत खाली हाथ आएगा? मेडल मिलेंगे या नहीं? आपको लगता है कि अगर आप आज वहां होते तो और एंजॉय करते इस खुशी को?

विजय गोयल- मैं समझता हूं कि सारा देश 125 करोड़ की आबादी इसे एंजॉय कर रही है. मैं भी कर रहा हूं. मैं समझता हूं कि जितने समय मैं वहां रहा, खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया और लगभग हर वेन्यु तक पहुंचने की कोशिश की. इससे पहले भी हमारी जो टारगेट पोडियम स्कीम है, बहुत अच्छी रही. इसकी वजह से 119 खिलाड़ी पहली बार क्वालीफाई हुए. क्वालिफाई होना भी हमारे देश के अंदर एक बहुत बड़ी बात है और भी पदक आ सकते थे. लेकिन खेल में तो हार जीत होती है. हमारे बहुत से खि‍लाड़ी चौथे स्थान पर रह गए.

सवाल- आपके विवाद का क्या होगा, जो वहां आपके साथ विवाद खड़ा हो गया? आप मैदान में चले गए, आप के लोगों ने वहां यह सब किया? आप समझते हैं वह बुरा अध्याय था आपके लिए?

विजय गोयल- देखि‍ए किसी प्रकार का कोई विवाद था ही नहीं. लेकिन मेडल नहीं आ रहे थे तो उस वजह से थोड़ा विवाद बना होगा. खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना और पास बनवाकर जाना कोई गलत बात नहीं थी. वह भी मैच के बाद. मैं समझता हूं कि वहीं के अधिकारी मुझे वहां पर लेकर गए थे.

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