
भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने 18वें एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली वो पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई हैं. फाइनल मुकाबले में उन्होंने जापान की यूकी इरी को 6-2 से धूल चटाई. पूरे मुकाबले में विनेश ने जबरदस्त खेल दिखाया और जापानी पहलवान पर हावी रहीं.
विनेश की जीत पर ताऊ महावीर फोगाट का ट्वीट-
फाइनल में ऐसे ध्वस्त की जापानी चुनौती
विनेश ने पहले राउंड में आते ही चार अंक ले झटके और जापानी खिलाड़ी पर दबाव बना दिया. दूसरे राउंड में विनेश ने समय बिताते हुए शानदार डिफेंस के साथ अपनी बढ़त को कायम रखा स्वर्ण जीता. अंतिम 30 सेकेंड में विनेश ने दो अंक लेते हुए अपनी ऐतिहासिक जीत सुनिश्चित की.
पैर में दर्द के बावजूद जीते मुकाबले
फाइनल तक का सफर विनेश के लिए किसी भी लिहाज से आसान नहीं था. उनके पैर में दर्द था, बावजूद इसके वो अपने विरोधियों को पटकनी देते चली गईं. 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती स्पर्धा के प्री-क्वार्टर में उन्होंने चीन की यनान सुन को 8-2 से शिकस्त देकर हिसाब चुकता किया. उन्होंने इसके साथ ही रियो ओलंपिक की कड़वी यादों को पीछे छोड़ दिया, जब चीनी खिलाड़ी के खिलाफ मुकाबले में पैर में चोट लगने के कारण विनेश मुकाबला हार गई थीं.
इसके बाद विनेश ने दक्षिण कोरिया की किम ह्यूंगजू को क्वार्टर फाइनल में 11-0 से करारी शिकस्त दे सेमीफाइनल में जगह बनाई. उन्होंने उज्बेकिस्तान की दाउलेतबाइक वाई को सेमीफाइनल में टेक्निकल सुपिरियॉरिटी के आधार पर 10-0 से मात दी. वह 4-0 से आगे थीं और फिर तीन बार विरोधी खिलाड़ी को पलट दिया. उनका सेमीफाइनल मैच केवल 75 सेकेंड चला और वह ‘फितले’ दांव के साथ फाइनल में पहुंचीं.
विनेश का दमदार रिकॉर्ड
23 साल की विनेश ने अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर चुकी हैं. 2014 और 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता. इंचियोन एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया. इस बार उन पर पदक के रंग बदलने का दबाव था. जिसे उन्होंने आसनी से हासिल किया. इसके अलावा एशियन चैंपियनशिप में विनेश तीन सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर चुकी हैं.
छोटी उम्र में ही उठ गया था पिता का साया
हरियाणा की छोरी विनेश ने बड़ी कठनाइयों को पार करने के बाद पहलवान बनीं. 10 साल की उम्र में एक जमीन विवाद के चलते विनेश के पिता राजपाल का मर्डर हो गया था. उसके बाद विनेश के ताऊ महवीर फोगाट ने विनेश को ट्रेनिंग देनी शुरू की. गुरु बने ताऊ की ट्रेनिंग में कड़ी मेहनत कर वो अंतरराष्ट्रीय पहलवान बनीं. विनेश स्टार पहलवान गीता फोगाट और बबीता कुमारी की चचेरी बहनें हैं. उनकी एक और चचेरी बहन रितु फोगाट भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहलवान हैं.
स्वर्ण पदक जीतने के बाद विनेश ने नम आंखों के साथ कहा, ‘मेरा लक्ष्य स्वर्ण पदक जीतना था. मैंने एशियाई स्तर पर तीन-चार रजत पदक जीते हैं. इसलिए इस बार मैं स्वर्ण जीतने का दृढ़ निश्चय बनाकर आई थी. मेरे शरीर ने भी मेरा साथ दिया. मैंने कड़ा प्रशिक्षण लिया था और ईश्वर ने भी मुझ पर कृपा दिखाई आज सब कुछ मेरे अनुकूल रहा.’