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EXCLUSIVE : विजेंदर बोले- कोई भी मुझे खिताब जीतने से नहीं रोक पाएगा

मैनचेस्टर की ठंड और बरसात के सीजन में विजेंदर का बॉक्सिंग रिंग में कड़ी मेहनत करना कोई आसान काम नहीं हैं. दो हफ्तों से भी कम का समय रहे गया है जब विजेंदर अपने करियर के सबसे मुश्किल मुकाबले के लिए उतरना है.

विजेंदर सिंह विजेंदर सिंह
विक्रांत गुप्ता/अमित रायकवार
  • मैनचेस्टर ,
  • 27 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 12:14 PM IST

भारत के प्रोफेशनल मुक्केबाज विजेंद्र सिंह मैनचेस्टर में जबरदस्त पसीना बहा रहे हैं.  विजेंदर को 17 दिसंबर को अपने पेशेवर करियर के सबसे कड़े प्रतिद्वंद्वी से भिड़ना है. डब्ल्यूबीओ सुपर मिडिलवेट एशिया पैसेफिक खिताब बचाने के लिए उन्हें पूर्व विश्व और मौजूदा अंतरमहाद्वीप चैंपियन फ्रांसिस चेका से भिड़ेंगे. आजतक से खास बातचीत में विजेंदर ने कहा कि मैनचेस्टर की ठंड में अपने बेड से उठकर बॉक्सिंग रिंग में अभ्यास करने जाना आसान नहीं होता है. वो अपने परिवार को सबसे ज्यादा मिस कर रहे हैं.

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विजेंदर कर रहे हैं कड़ी मेहनत
मैनचेस्टर की ठंड और बरसात के सीजन में विजेंदर का बॉक्सिंग रिंग में कड़ी मेहनत करना कोई आसान काम नहीं है. कुछ पाने के लिए बहुत कुछ खोना भी पड़ता है. तीन हफ्तों से भी कम का समय रह गया है जब विजेंदर अपने करियर के सबसे मुश्किल मुकाबले के लिए रिंग में  उतरना है.  विजेंदर ने कहा कि अपने देश से इतनी दूर जब वो ट्रेनिंग कर रहे होते हैं तो सबसे ज्यादा 'घर की चाय' को मिस करते हैं. किसी भी खिलाड़ी को कोई भी मुकाम हासिल करने के लिए बड़े-बड़े त्याग करने होते हैं. लंबे समय तक परिवार से दूर रहना आसान नहीं होता है.

17 दिसंबर को विजेंदर और चेका आमने सामने होंगे
17 दिसंबर को दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में विजेंदर और चेका आमने-सामने होंगे. ये वही स्टेडियम है जहां विजेंदर ने ऑस्ट्रेलिया के कैरी होप को हराकर डब्ल्यूबीओ सुपर मिडिलवेट एशिया पैसेफिक खिताब अपने नाम किया था.

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चेका ने लड़े हैं 300 राउंड मुकाबले
तंजानिया के (34) साल के अनुभवी मुक्केबाज चेका को (43) मुकाबलों का अनुभव है, जिसमें उन्होंने (17) नॉकआउट सहित (3) जीत दर्ज की हैं. वो सुपर मिडलवेट के दिग्गज मुक्केबाजों से भिड़ चुके हैं, जिसमें डब्ल्यूबीए विश्व चैंपियन रूस के फेदोर चुडिनोव और डब्ल्यूबीसी अंतरराष्ट्रीय चैंपियन ब्रिटेन के मैथ्यू मेकलिन शामिल हैं. चेका ने 16 साल के अपने करियर के दौरान 300 राउंड के मुकाबले लड़े हैं जबकि विजेंदर को सिर्फ 27 राउंड के मुकाबले खेलने का अनुभव है.

विजेंदर ने अपने सातों मुकाबले जीते हैं
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि चेका विजेंदर के मुकाबले अब तक के सबसे अनुभवी प्रतिद्वंद्वी हैं. भिवानी के मुक्केबाज विजेंदर ने अब तक अपने सातों मुकाबले जीते हैं, जिसमें छह नॉकआउट शामिल हैं. विजेंदर ने अपना पहला खिताब इस साल जुलाई में त्यागराज स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के कैरी होप को हराकर जीता था. विजेंदर को उम्मीद है कि वो अपने सबसे मुश्किल मुकाबले में अपने फैंस की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे.

'विजेंदर को मजा चखाऊंगा'
फ्रांसिस चेका ने कहा कि उन्होंने भारत के इस मुक्केबाज के बारे में बड़ी-बड़ी बातें होती हैं. लेकिन उसे असली मजा मैं चखाऊंगा. अब विजेंदर को पता चलेगा कि उसका मुकाबला किससे है. वहीं विजेंदर का कहाना है कि मैं रिंग के बाहर बोलने पर विश्वास नहीं करता. रिंग में मेरे मुक्के ही उसे करारा जवाब देंगे.

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