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अमेरिका की फर्स्ट लेडी और बराक ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा में कुछ खास बात है. उनका स्टाईल, उनकी अप्रोच, समस्याओं से जूझने का जज्बा, दूसरों की मदद करने की फितरत आदि जैसी खूबियां उन्हें दूसरों से अलग करती हैं.
बराक ओबामा की पत्नी और अमेरिका की फर्स्ट लेडी होने के अलावा दुनियाभर में मिशेल की अपनी एक अलग पहचान है और यह पहचान उन्होंने खुद अपने दम पर हासिल की है.
मिशेल ओबामा के बारे में ऐसा बहुत कुछ है जिसे आप संभवत: नहीं जानते हैं. यहां हम ऐसी ही दस बातें लेकर आये हैं, जो मिशेल को खास बनाती हैं...
मिशेल की शिक्षा
मिशेल ने कभी अपनी शिक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया. वो अमेरिका की तीन फर्स्ट
लेडीज में से एक हैं, जिन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है. मिशेल के अलावा इसमें
हिलेरी क्लिंटन और लौरा बुश शामिल हैं. मिशेल ने मैगनेट हाई स्कूल से ग्रेजुएशन करने
के बाद प्रिंसटन यूनिवर्सिटी गईं और फिर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से लॉ किया.
मिशेल ओबामा के एजुकेशन कैंपेन में 16 साल की श्वेता शामिल...
पब्लिक सेक्टर में काम करने के लिए छोड़ी कॉरपोरेट लॉ की नौकरी
सिडले और ऑस्टिन के लिए काम करने बाद मिशेल ने साल 1993 में एक पब्लिक
एलाइज शिकागो 'अमेरीकोर्प नेशनल सर्विस प्रोग्राम' की स्थापना की. मिशेल की ये संस्था
युवाओं को पब्लिक सेक्टर में अपना करियर बनाने की ट्रेनिंग देती थी. बाद में मिशेल
यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो की यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के साथ काम करने लगीं.
बेटी को साथ लेकर दिया था इंटरव्यू
मिशेल की बेटी साशा (जो अब 12 साल की है) तब चार महीने की थी. मिशेल के पास
यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो मेडिकल सेंटर में एग्जिक्यूटिव पोजिशन के लिए इंटरव्यू कॉल
आई. मिशेल ओबामा इंटरव्यू में जाना चाहती थीं, पर कोई ऐसा नहीं मिल रहा था, जिकसे सहारे वो
अपनी बच्ची को छोड़ कर जातीं. इसलिए मिशेल इंटरव्यू के लिए साशा को साथ लेकर पहुंच
गईं. इंटरव्यू लेने वाले लोगों ने मिशेल की पोजिटिविटी की तारीफ की और उन्हें वो जॉब भी
मिल गई.
ईमानदार सलाहकार
मिशेल ओबामा एक अच्छी और सच्ची सलाहकार हैं. संभवत: दुनिया का कोई भी व्यक्ति
उनसे सलाह मांगे तो वो ईमानदारी के साथ सलाह देंगी. जब बात बराक ओबामा की हो तो
वो इस बात को और भी ज्यादा सुनिश्चत करती हैं.
खुद लिखती हैं अपनी स्पीच
दूसरे नेताओं या सिलेब्रिटीज की तरह अपने भाषण किसी और से नहीं लिखवाती हैं. मिशेल
अपने स्पीच खुद ही लिखती हैं. साल 2012 में एक कैम्पेन ट्रायल के दौरान डेमोक्रेटिक
कंवेंशन स्पीच में मिशेल ओबामा के भाषण को सुनकर हर व्यक्ति उनकी तारीफ कर रहा
था. यहां तक कि मशहूर रूढ़िवादी स्तंभकार जॉन पोडोरेट्ज ने मिशेल के कंवेंशन स्पीच को
'टोटल नॉकआउट' कहा था.
सबसे लंबी प्रथम महिला
मिशेल ओबामा को उनके कद जो कि 5'11" है, उसके लिए उन्हें एलेनॉर रूजसेवेल्ट से
नवाजा जा चुका है.
ओबामा के लिए छोड़ी नौकरी
2008 में अपने पति ओबामा की कैम्पेनिंग के लिए मिशेल ने शिकागो हॉस्पिटल की
नौकरी छोड़ दी. मिशेल ने जब यह नौकरी छोड़ी, तब उनकी एनुअल सैलरी 2,12,000 डॉलर
थी.
सबसे मिलती हैं गले
खासतौर से अगर आप बच्चे हैं तो इसकी संभावना ज्यादा है कि मुलाकात होने पर मिशेल
आपसे गले मिलें. दरअसल, मिशेल कहती हैं कि 'छूने से दो व्यक्ति के बीच का अवरोध
खत्म होता है. इसलिए मैं जब भी बच्चों से बात करती हूं या मिलती हूं, उन्हें गले जरूर
लगाती हूं. इसके बाद वो रिलैक्स हो जाते हैं, सांस लेते हैं और फिर मेरे साथ बिताए गए
लम्हों को इंज्वाय करते हैं.'
बच्चों के लिए करती हैं काम
मिशेल बच्चों में बढ़ते मोटापे और दुनियाभर के बच्चों के खानपान की आदतों से संबंधित अवेयरनेस फैलाती हैं. इसके लिए उन्होंने एक संस्था 'लेट्स मूव' की स्थापना भी की है, जो बच्चों को घर से बाहर निकलकर खेलने और पोषक तत्वों से भरपूर खाना खाने के लिए प्रेरित करती है. इसके अलावा वो एजुकेशनल कैम्पेन भी चलाती हैं.
मिशेल ओबामा ने लड़कियों की शिक्षा पर दिया जोर
दूसरों के सपनों का भी ख्याल
वर्जिनिया में रहने वाली 106 साल की मैक लॉरिन वाइट हाउस देखना चाहती थीं और बराक ओबामा से मिलना चाहती थीं. मिशेल ओबामा को जब यह बात पता चली तो उन्होंने मैक लॉरिन का यह सपना झट से पूरा कर दिया.
फेमस होने के साथ एक अच्छी मां भी
सबसे आखिर में, पर सबसे जरूरी बात यह है कि मिशेल ओबामा अपने घर में एक अच्छी मां की भूमिका में ही होती हैं. तमाम व्यस्तताओं के बावजूद उन्होंने अपने बेटियों को कभी नजरअंदाज नहीं किया.