
कश्मीर के हालात को लेकर गृह मंत्रालय में गुरुवार बड़ी बैठक की गई. इस बैठक के बाद गृह मंत्रालय ने पत्थरबाजों खासतौर से महिला पत्थरबाजों से निपटने के लिए इंडिया रिजर्व्ड बटालियंस के गठन में तेजी लाने का फैसला लिया है.
आपको बता दें कि इस समय गठन की जा रहीं 5वीं इंडिया रिजर्व्ड बटालियंस में से एक बटालियन महिलाओं की होंगी, जिसमें करीब 1000 कमांडो होंगी. ये महिला बटालियन इस बीच महिला पत्थरबाजों से निपटने के लिए काम करेंगी. घाटी में पत्थरबाजों से मुकाबला करने में फोर्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कश्मीर पुलिस की बटालियन के लिए भी करीब 1000 महिलाओं की भर्ती की जाएगी. ये बटालियन शुरुआती तौर पर घाटी में होने वाली पत्थरबाजी जैसी घटनाओं से निपटेगी. ये महिलाएं राज्य में बनाई जा रहीं पांच इंडिया रिजर्व्ड बटालियंस (आईआरबी) का हिस्सा होंगी.
गौरतलब है कि 5000 पोस्ट के लिए 1 लाख 40 हजार यूथ ने एप्लाई किया है. मिली जानकारी के मुताबिक महिला बटालियन के लिए उत्साह काफी देखा जा रहा है. एक पद के लिए तीस-तीस से ज्यादा आवेदन मिले हैं.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा गुरुवार को बुलाई गई उच्च स्तरीय बैठक में इस मुद्दे को उठाया गया था. यह बैठक 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जम्मू कश्मीर को दिए गए 80 हजार करोड़ रुपये के बारे में चर्चा करने के लिए बुलाई की गई थी.
इंडिया रिजर्व्ड बटालियंस को जम्मू कश्मीर के युवाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से निमिर्त की जा रही है. हर एक बटालियन को खड़ा करने के लिए 61 करोड़ की लागत आएगी. इसमें से 80 फीसदी खर्च केंद्र सरकार उठाएगी, और 20 फीसदी राज्य सरकार खर्च उठाएगी.