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अगर आप इंजीनियरिंग करने का ख्वाब देख रहे हैं तो कुछ कॉलेजों में दाखिला का आपको मौका नहीं मिलेगा. क्योंकि देश के 122 इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हो रहे हैं. पिछले
साल इन कॉलेजों ने 'प्रोग्रेसिव क्लोजर' का विकल्प चुना था. इसका अर्थ यह हुआ कि अब ये कॉलेज किसी नये छात्र का एडमिशन नहीं ले सकते.
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'प्रोग्रेसिव क्लोजर' का विकल्प चुनने वाली 122 कॉलेजों में अधिकांश महाराष्ट्र, गुजरात और हरियाणा में हैं.
हालांकि, जो छात्र यहां पढ़ाई कर रहे हैं उनका कोर्स खत्म होने के बाद ही कॉलेज बंद होंगे. इंजीनियरिंग कॉलेज की क्लोजर प्रोसेसिंग का वहां पढ़ रहे छात्रों की डिग्री पर कोई
प्रभाव नहीं पड़ेगा.
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अखिल भारतीय तकनीकी परिषद के आंकड़ों के अनुसार इससे पहले साल 2016-17 में पुणे, ओरंगाबाद, जलगांव और कोल्हापुर के 23 इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हो चुके हैं.
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क्यों बंद हो रहे हैं कॉलेज
दरअसल, इंजीनियरिंग करने वाले छात्रों की पहली पसंद आईआईटी, एनआईटी सरीखे कॉलेजों में चजे जाते हैं. जो इनसे बचते हैं वो निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों का चुनाव करते
हैं. ऐसे में कम छात्रों वाले इंस्टीट्यूट के लिए खुद को जीवित रखना मुश्किल हो जाता है.
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इस अवधि में गुजरात के 15, तेलंगाना के 7, कर्नाटक के 11 , उत्तरप्रदेश के 12 , पंजाब के 6, राजस्थान के 11 और हरियाणा के 13 कॉलेज बंद हो चुके हैं.