Advertisement

26/11 अटैक में शहीद हुए मेजर संदीप ने 14 लोगों को निकाला था सुरक्षित

संदीप होटल ताज में आतंकियों से भिड़े थे और 14 लोगों को सुरक्षित निकाला था. उन्होंने कारगिल में लड़ते हुए पाकिस्तान के कई फौजियों को ढेर कर दिया था.

 मेजर संदीप उन्नीकृष्णन मेजर संदीप उन्नीकृष्णन
अभि‍षेक आनंद
  • नई दिल्ली,
  • 15 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 3:19 PM IST

26/11 के आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर के रख दिया था. उस हमले में 28 नवम्बर, 2008 को मेजर संदीप उन्नीकृष्णन शहीद हो गए थे. अगर आज वे जिंदा होते तो अपना 41वां बर्थडे मना रहे होते. आइए जानते हैं संदीप की जिंदगी की कुछ खास बातें...

संदीप ने अपनी जान की परवाह किए बगैर अपने देश के लोगों को बचाने के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी. अपनी जान पर खेलकर कई लोगों की जान बचाने वाले मेजर संदीप उन्नीकृष्णन का जन्म 15 मार्च 1977 को हुआ था.

Advertisement

ब्लैक टॉरनैडो: द थ्री सीज ऑफ मुंबई 26/11: दर्दनाक मंजर की यादें

संदीप होटल ताज में आतंकियों से भिड़े थे और 14 लोगों को सुरक्षित निकाला था. उन्होंने कारगिल में लड़ते हुए पाकिस्तान के कई फौजियों को ढेर कर दिया था.

सेना के सबसे मुश्किल कोर्स 'घातक कोर्स' में टॉप किया था. अदम्य बहादुरी के लिए उन्हें सर्वोच्च पुरस्कार अशोक चक्र से नवाजा गया. संदीप के आखिरी शब्द थे 'तुम मत आओ, मैं संभाल लूंगा.'

करकरे और अशोक कामटे भी हुए थे शहीद

26 नवंबर 2008 में मुंबई में आतंकी हमला हुआ था. हेमंत करकरे दादर स्थित अपने घर पर थे. वह फौरन अपने दस्ते के साथ मौके पर पहुंच गए थे. उसी समय उनको खबर मिली कि कॉर्पोरेशन बैंक के एटीएम के पास आतंकी एक लाल रंग की कार के पीछे छिपे हुए हैं. वहां तुरंत पहुंचे तो आतंकी फायरिंग करने लगे. इसी दौरान एक गोली एक आतंकी के कंधे पर लगी. वो घायल हो गया. उसके हाथ से एके-47 गिर गया. वह आतंकी अजमल कसाब था, जिसे करकरे ने धर दबोचा.

Advertisement

आतंकियों की ओर से जवाबी फायरिंग में तीन गोली इस बहादुर जवान को भी लगी, जिसके बाद वह शहीद हो गए. मुंबई पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त अशोक कामटे और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विजय सालस्कर भी 26/11 हमले में शहीद हो गए थे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement