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ऐसी उम्र में जब दुनिया के अधिकांश बच्चे अपने जूतों के फीते तक नहीं बांध पाते. ठीक उसी उम्र में उत्तर प्रदेश की एक बच्ची सीधे 9वीं क्लास में दाखिले होने जा रही है. इस बच्ची का नाम अनन्या है और वह महज 4 साल की है. इतना ही नहीं उसके परिवार में उसकी 15 वर्षीय बहन माइक्रोबायलॉजी में डॉक्टरेट कर रही है और भाई महज 9 साल की उम्र में 10वीं की परीक्षा पास कर चुका है.
लखनऊ के एलडीए कालोनी के सेंट मिराज स्कूल के ये बच्चे कैंपस मे तालियों की गड़गडाहट और फूलों की वर्षा करके अपने नये साथी का स्वागत कर रहें हैं. ये साथी इनके लिये खास है क्योंकि इसकी उम्र महज चार साल है और इसे कक्षा नौ में एडमिशन मिला है. इसका नाम अनन्या है और जिस उम्र मे बच्चे टीवी पर कार्टून देखना पसंद करते हैं उस उम्र मे अनन्या रामचरित मानस की चौपाई, संस्कृत और हिंदी के कठिन पाठ पढ़ना पसंद करती है.
दूसरे स्टूडेंट्स की तुलना में दिखती है बच्ची...
अनन्या जब अपनी क्लास में बैठती है तो बाकी छात्रों के मुकाबले बच्ची दिखाई देती है मगर बारी जब मैथिलीशरण गुप्त की जटिल कवितायें पढ़ने की आती है तो अनन्या किसी से पीछे नही रहती. अपने भाई और बहन की तरह अनन्या भी विलक्षण प्रतिभा की धनी है. उसका दिमाग बेहद तेज है मगर कम उम्र होने और शारीरिक रूप से उतना मजबूत नहीं होने की वजह से वह ज्यादा देर कक्षा मे बैठ नही पाती. ऐसे में वो स्कूल के प्रिंसिपल के कमरे मे जाकर बैठ जाती है.
आखिर क्या है पूरा मामला?
अब आप ऐसा जरूर सोच रहे होंगे कि ऐसा किस प्रकार संभव है कि महज 4 साल की बच्ची को 9वीं क्लास में दाखिला दे दिया जाए, लेकिन यह अपने तरह का अलग मामला है. यूपी की राजधानी लखनऊ में एक स्कूल में महज 4 साल की बच्ची को 9वीं में दाखिला दिया गया है. इस 4 साल की मासूम बच्ची का नाम अनन्या वर्मा है. आपको बता दें कि अन्नया 4 साल 7 महीने 22 दिन की है. अनन्या का दाखिला कक्षा 9 में कराने के लिए आलमबाग क्षेत्र के सेंट मिराज इंटर कालेज में आवेदन किया था. स्कूल की ओर से दाखिले के लिए लिये गये टेस्ट को अनन्या ने पास कर लिया. उम्र कम होने की वजह से स्कूल ने जिला विद्यालय निरीक्षक (डी.आई. ओ.एस.) से दाखिला के लिए अनुमति मांगी.
अगले दो साल में देगी बोर्ड की परीक्षाएं...
अगर अनन्या के साथ सब-कुछ ठीक रहा तो वह अगले दो साल में यूपी बोर्ड की परीक्षा देती नजर आएगी. परीक्षा में सफल होने पर वह अपनी बहन सुषमा वर्मा का रिकॉर्ड तोड़ देगी. सुषमा ने साल 2007 में बोर्ड की परीक्षा पास की थी. तब वह केवल सात साल की थी. बड़े भाई शैलेन्द्र वर्मा ने भी 9 साल की उम्र मे हाई स्कूल की परीक्षा पास कर ली थी. सुषमा की उम्र अभी सोलह साल है और वो लखनऊ के भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रही है और भाई शैलेन्द्र इस समय बंगलोर मे इंजीनियर के पद पर तैनात है.
माता-पिता बेहद सामान्य बैकग्राउंड से ताल्लुक रखते हैं...
1 दिसंबर 2011 को जन्मी अनन्या तेज बहादुर वर्मा की बेटी है. वर्मा बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में असिस्टेंट सुपरवाइजर हैं. अनन्या की मां को लिखना और पढ़ना भी नहीं आता है. अनन्या एक भाई और दो बहन है. अनन्या का बड़ा भाई शैलेंद्र 14 साल की उम्र में ही बीसीए कर चुका था. सुषमा को BBAU में पीएचडी में महज 15 वर्ष की उम्र में दाखिला मिल गया था. साल 2007 में सुषमा का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में सबसे कम उम्र में बोर्ड की परीक्षा पास करने के लिए दर्ज हुआ था. सुषमा ने 13 साल की उम्र में ही बीएसी कर ली थी.
जानकारी के मुताबिक डीआईओएस ने प्रवेश परीक्षा तथा अन्य मामलों की जांच पड़ताल के बाद अनन्या को कक्षा 9 में प्रवेश की अनुमति दे दी. हांलाकि अगले साल हाई स्कूल बोर्ड की होने वाली परीक्षा के लिये अभी उसका आनलाइन रजिस्ट्रेशन नही हो पाया है क्योंकि उसकी उम्र निर्धारित मानक से बहुत कम है और कंप्यूटर इसे नही ले रहा है मगर इसके लिये स्कूल के पदाधिकारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बातचीत कर रहें हैं कि अन्नया का रजिस्ट्रेशन हो जाये.