
भारत में तीन तलाक को लेकर जारी घमासान के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने कहा कि देश के करीब पांच करोड़ मुस्लिम इसमें किसी तरह का दखल नहीं चाहते हैं. इसका खुलासा एक सर्वे में हुआ है. चार करोड़ 83 लाख 47 हजार 596 मुस्लिम पुरुषों और महिलाओं ने तीन तलाक के पक्ष में हस्ताक्षर किए हैं.
AIMPLB के महासचिव मौलाना मोहम्मद वली रहमानी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं और पुरुषों की ओर से तीन तलाक के बचाव की गई घोषणाओं के दस्तावेज दो ट्रकों में लदे रखे हैं. उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इनको लॉ कमीशन को सौंपना चाहता है. इन मुस्लिमों ने तीन तलाक मसले को लेकर गठित कानूनी पैनल से मुस्लिम पर्सनल लॉ में दखल नहीं देने की अपील की है.
इन मुसलमानों ने पैनल से समान नागरिक संहिता प्रस्तावित नहीं करने को कहा है. उन्होंने बताया कि AIMPLB को देश के कई राज्यों से मुस्लिम समुदाय के हस्ताक्षर वाले घोषणा पत्र मिले हैं, जिसमें इन लोगों ने तीन तलाक का समर्थन किया है. वहीं, पैनल ने इस विवादित मसले पर लोगों की रायशुमारी शुरू की है, जिस पर अब तक 40 हजार से ज्यादा लोग अपनी राय भेज चुके हैं. रहमानी के नेतृत्व में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रतिनिधिमंडल ने मामले पर दस्तखत वाले दस्तावेजों की स्कैन कॉपियां पैनल को सौंप दी है. अब रहमानी ने इन घोषणा पत्रों की हार्ड कॉपी को सौंपने की योजना बनाई है.
AIMPLB की दो दिवसीय कार्यकारिणी की बैठक में तीन तलाक पर कई फैसले लिए गए. बोर्ड ने कहा कि गलत ढंग से तलाक लेने वाले का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा. वहीं, कई मुस्लिम महिलाएं भी इसके खिलाफ खुलकर सामने आ चुकी हैं. पीएम मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई नेता तीन तलाक को महिला अधिकारों के खिलाफ बता चुके हैं.